Raebareli: योगी सरकार द्वारा प्रदेश में कम संख्या वाले स्कूलों को मर्ज करने के आदेश के खिलाफ अपनी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने बयान दिया और कहा कि स्कूलों के मर्ज पर अपनी जनता पार्टी मंगलवार को विरोध प्रदर्शन करेगी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार प्रतापगढ़ से लखनऊ जाते समय सोमवार को रायबरेली के सारस चौराहे पर स्वामी प्रसाद मौर्य रुके और प्रदेश में 27000 से अधिक स्कूलों को मर्ज किए जाने के मामले में कहा कि सरकार कंपोजिट विद्यालयों की जगह कंपोजिट शराब के ठेके खोल रही है।
भद्राचार्य के बयान प्रसाद मौर्य का तीखा वार
उन्होंने बाबा भद्राचार्य के बयान पर कहा कि संत महात्माओं को राजनीति से दूर रहना चाहिए। कौन देश में रहेगा कौन नहीं रहेगा इसका फैसला रामभद्राचार्य नहीं कोर्ट करेगा। उन्होंने कहा कि राइट टू एजुकेशन नियम के तहत 6 से 14 साल के बच्चों के लिए शिक्षा देना सरकार के पहली जिम्मेदारी है। यूपी सरकार 27764 स्कूल बंद करने की तैयारी में है। पहले इसमें 5000 स्कूल बंद करने के लिए सूचीबद्ध स्कूलों का नाम मंगाग चुकी है।
उन्होंने आगे कहा कि यह प्रदेश का दुर्भाग्य है कि सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है। जहां स्कूलों को सुगम बनाने के लिए पर्याप्त शिक्षा की व्यवस्था पूरी करनी चाहिए वहीं पर इस तरह कार्य खेद जनक है। उन्होंने कहा कि साथ ही साथ शिक्षकों से केवल शिक्षा का कार्य लेना चाहिए न कि अन्य विभागीय लेखा-जोखा का हिसाब इन से मांगना चाहिए।
शिक्षक भर्ती करने की जगह स्कूल ही बंद कर रहे हैं योगी
प्रसाद मौर्य कहते हैं कि सरकार की गलत नीतियों के चलते आज प्राथमिक विद्यालयों के दुर्दशा हो रही है। जबकि 15000 ऐसे प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल हैं जिसमें प्रति स्कूल मात्र एक टीचर है। एक टीचर उस स्कूल में कैसे पढ़ाएगा। योगी जी शिक्षक भर्ती करने की जगह स्कूल ही बंद कर रहे हैं।
आजादी के बाद यह पहले ऐसे विफलतम मुख्यमंत्री हैं जो सरकार नहीं चला पा रहे हैं। बच्चों के स्कूल नहीं चला पा रहे हैं इन की वजह से बच्चों की पढ़ाई छूट रही है। स्कूल बंद करके पढ़ाई बंद कर दी जा रही है। उन्होंने कहा कि बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से खत्म कर रही है जो उनके गांव के स्कूल खत्म करके दूर भेजने की तैयारी कर रही है।सरकार को पूर्व विचार करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अपनी जनता पार्टी आंदोलन करके सभी मंडलों में जिलाधिकारी के माध्यम से विरोध दर्ज कराएगी। यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक आदेश वापस नहीं लिया जाता है। वन नेशन वन एजुकेशन की बात होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संत और महंत को राजनीतिक भाषा बोलना उनके स्वभाव के विपरीत है।

