Sonbhadra: रक्षाबंधन के पावन अवसर पर यूपी सरकार ने बहनों और बेटियों को विशेष तोहफा देते हुए 8 अगस्त से 10 अगस्त तक रोडवेज और नगरीय बस सेवाओं में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी है। इस योजना के तहत महिलाओं को बिना टिकट यात्रा की सुविधा मिल रही है, साथ ही उनके एक सहयात्री (जैसे छोटे बच्चे, बुजुर्ग अभिभावक या पति) को भी टिकट की आवश्यकता नहीं है। सरकार की इस पहल का उद्देश्य बहनों को अपने भाइयों के पास आसानी से और बिना आर्थिक बोझ के पहुंचने का अवसर देना है।
भीड़ के कारण व्यवस्था चरमराई
हालांकि इस योजना का लाभ उठाने वालों की संख्या इतनी अधिक हो गई है कि बसों में अत्यधिक भीड़ देखने को मिल रही है। सोनभद्र जिले में हालात यह हैं कि बसों में न तो बैठने की जगह मिल रही है, और न ही ठीक से खड़े होने की। कई महिलाएं लगेज लेकर बस के दरवाजे पर खड़ी दिखीं। ऐसे में न सिर्फ यात्री असहज हो रहे हैं, बल्कि सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई जा रही है।
महिलाओं ने बताया कि भारी भीड़ के चलते उनका सामान सीटों से दूर किसी और जगह रखा गया, जिससे बार-बार उन्हें अपने सामान की चिंता सताती रही। भीड़भाड़ के माहौल में जेबकट और सामान चोरी जैसे खतरे भी बढ़ जाते हैं, जिसे लेकर पुलिस और प्रशासन को सतर्क रहने की जरूरत है।
बारिश ने बढ़ाई और मुश्किल
इन दिनों लगातार हो रही बारिश ने भी यात्रियों की परेशानी को और बढ़ा दिया है। भीड़ के चलते कई यात्री बस स्टैंड पर काफी देर तक खड़े रहे, लेकिन बारिश के कारण उन्हें सुरक्षित आश्रय ढूंढ़ने में दिक्कत हो रही थी। कुछ यात्रियों ने शिकायत की कि बारिश से बचने की कोशिश में उनकी बस छूट गई। त्योहार के समय जब घर लौटने की होड़ रहती है, ऐसे में एक बस छूट जाना काफी असुविधाजनक होता है।
योजना की शुरुआत और आंकड़े
गौरतलब है कि यह योजना पहली बार 2017 में शुरू की गई थी, और तब से अब तक यह एक लोकप्रिय पहल बन चुकी है। बीते 8 वर्षों में 1.23 करोड़ से अधिक महिलाएं इस सुविधा का लाभ उठा चुकी हैं। यूपी परिवहन निगम ने अब तक इस योजना के तहत 101 करोड़ रुपये से अधिक की टिकट राशि स्वयं वहन की है।
लोगों की मांग- अतिरिक्त बसों का इंतजाम हो
यात्रियों ने सुझाव दिया कि त्योहारी सीजन में जब यात्रा की मांग बढ़ जाती है, तब सरकार को अतिरिक्त बसों की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और महिलाएं सुरक्षित एवं आरामदायक यात्रा का अनुभव कर सकें।