Sonbhadra: जिले के बिल्ली मारकुंडी क्षेत्र में रात के अंधेरे में अवैध खनन की गतिविधियां लगातार जारी हैं। खनन माफिया द्वारा भारी मशीनों से धरती की खनन किया जा रहा है, जबकि जिला प्रशासन इस पूरे मामले से अवगत होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। यही नहीं, खनन क्षेत्र में सुरक्षा के उपायों का भी पालन नहीं किया जा रहा है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा लगातार बना हुआ है। इस अवैध खनन में स्थानीय अधिकारी और कुछ व्यवसायी शामिल हैं, जो राजस्व की चोरी में लिप्त हैं और इसका नुकसान प्रदेश सरकार को हो रहा है। प्रशासन के अधिकारी इस मामले को नजरअंदाज कर रहे हैं और हालात को ऐसे छोड़ दिया गया है कि यह मामला किसी बड़े घोटाले का रूप ले सकता है।
सोनभद्र में घोटाले की आशंका
रात्रि में अवैध खनन करने वाले खनन माफिया की गतिविधियों में मलबा परिवहन करने के लिए टिपर वाहन का इस्तेमाल हो रहा है, जिनसे लगातार दुर्घटनाओं का खतरा उत्पन्न हो रहा है। इन गतिविधियों के दौरान पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था भी नहीं की जाती, जो नियमों के खिलाफ है। इसके अलावा, खनन क्षेत्र में पर्यावरणीय नियमों की भी अनदेखी की जा रही है, और स्थानीय जल स्रोतों का भी दुरुपयोग किया जा रहा है। मोटर पंप से जल स्तर कम किया जा रहा है, जो पर्यावरण और स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन चुका है।
सोनभद्र जिले के बिल्ली मारकुंडी क्षेत्र में रात के अंधेरे में अवैध खनन की गतिविधियां लगातार जारी हैं। खनन माफिया द्वारा भारी मशीनों से धरती की खनन किया जा रहा है, जबकि जिला प्रशासन इस पूरे मामले से अवगत होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।#Sonbhadra #IllegalMining… pic.twitter.com/iFjMtAz4bN
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) August 29, 2025
खनन माफिया और सरकारी अधिकारी पर राजस्व की चोरी का आरोप
आश्चर्य की बात यह है कि यह सारी गतिविधियां ओबरा तहसील के उप जिलाधिकारी कार्यालय के पास हो रही हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी मौके पर जांच करने के बजाय शिकायतकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। खनन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कार्रवाई की जाएगी, लेकिन हकीकत यह है कि अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
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यह पूरा मामला प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत का प्रतीक बन चुका है, जहां अवैध खनन में शामिल लोग खुलेआम अपने माफिया नेटवर्क का संचालन कर रहे हैं। राजनीतिक संरक्षण के चलते स्थानीय नेता और अधिकारी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पूरे सिस्टम में भ्रष्टाचार फैला हुआ है।