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Sonbhadra Flood: रिहन्द बांध का जलस्तर खतरे के निशान के पार, पांच फाटक खोलने से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा

रिहन्द बांध में जलस्तर 869 फीट पार करने पर रविवार की रात पांच फाटक खोले गए। लगातार बारिश के कारण बांध से 42 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। बिजली उत्पादन बढ़ा है, लेकिन निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
Post Published By: सौम्या सिंह
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Sonbhadra Flood: रिहन्द बांध का जलस्तर खतरे के निशान के पार, पांच फाटक खोलने से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा

Sonbhadra: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में स्थित प्रदेश का सबसे बड़ा रिहन्द बांध एक बार फिर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। रविवार की रात बांध का जलस्तर 869 फीट को पार कर गया, जिसके बाद सिंचाई विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आधी रात को बांध के पांच फाटक खोल दिए। यह इस वर्ष तीसरी बार है जब रिहन्द बांध के फाटक खोले गए हैं।

पिछले दो महीनों से लगातार हो रही बारिश

पिछले दो महीनों से लगातार हो रही बारिश के चलते जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। पहली बार 28 जुलाई को बांध के फाटक खोले गए थे, जो 31 जुलाई तक एक फाटक से लगातार जल छोड़ते रहे। दूसरी बार 4 अगस्त को सात फाटक खोले गए थे, जिन्हें 8 अगस्त को बंद किया गया। अब तीसरी बार 25 अगस्त को रात 12 बजे जलस्तर 869.1 फीट पहुंचने के बाद फिर से पांच फाटक खोल दिए गए।

सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता राजेश शर्मा ने बताया कि रविवार शाम से बांध में पानी का इनफ्लो अचानक तेज हो गया था, जिससे रात तक जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया। उन्होंने बताया कि सभी पांच फाटकों को 16 फीट तक खोला गया है और लगातार जल प्रवाह जारी है। सोमवार सुबह 8 बजे तक जलस्तर 869.1 फीट पर स्थिर रहा।

निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा

वहीं, जल विद्युत निगम के अधिशासी अभियंता शशिकांत राय ने जानकारी दी कि बांध पर स्थापित सभी छह टरबाइनें फुल लोड पर चल रही हैं, जिससे लगभग 300 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि फाटक खोलने और टरबाइन से पानी छोड़ने के चलते कुल मिलाकर करीब 42 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज हो रहा है।

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लगातार जल प्रवाह से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए जल विद्युत निगम और सिंचाई विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और सुरक्षित स्थानों की ओर प्रस्थान करें।

प्रशासन ने निचले इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है और स्थानीय लोगों को स्थिति की गंभीरता के बारे में जानकारी देने का काम जारी है। नदी के किनारे बसे गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।

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रिहन्द बांध का बढ़ता जलस्तर न केवल बिजली उत्पादन के लिए अवसर प्रदान कर रहा है, बल्कि जन-जीवन के लिए चुनौती भी बन रहा है। ऐसे में समय रहते प्रशासन की तैयारी और जनता की जागरूकता ही बाढ़ के खतरे को कम कर सकती है।

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