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लव जिहाद का सनसनीखेज मामला: पीड़ित परिवार का कलेक्ट्रेट में अनशन, चौकी इंचार्ज पर गंभीर आरोप

उरई में लव जिहाद के एक मामले ने तूल पकड़ लिया है, जहां पीड़ित परिवार कलेक्ट्रेट में अनशन पर बैठ गया है। परिवार ने चौकी इंचार्ज पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
Post Published By: Nidhi Kushwaha
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लव जिहाद का सनसनीखेज मामला: पीड़ित परिवार का कलेक्ट्रेट में अनशन, चौकी इंचार्ज पर गंभीर आरोप

जालौन: यूपी के जालौन जिले के उरई में लव जिहाद का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया। शुक्रवार की सुबह पीड़ित परिवार ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना देकर अपनी आवाज बुलंद की। परिवार का आरोप है कि उनकी नाबालिग बेटी को मोहल्ले के ही एक युवक शाहिद ने अपनी असली पहचान छिपाकर बहला-फुसलाकर भगा लिया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, पीड़िता को जब उसकी असलियत पता चली, तो आरोपी ने उसे धमकाते हुए जबरन धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया। इतना ही नहीं, विरोध करने पर उसके साथ दुष्कर्म जैसे घिनौने कृत्य को भी अंजाम दिया गया।

परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने की कार्रवाई

वहीं परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने कुछ दिन पहले किशोरी और आरोपी को बरामद तो कर लिया, लेकिन मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। पीड़ित परिवार ने डिप्टीगंज चौकी इंचार्ज विपिन यादव पर संगीन आरोप लगाए। उनका कहना है कि चौकी इंचार्ज ने आरोपी के साथ मिलीभगत कर पीड़िता पर दबाव डाला और उसके बयान बदलवाए। इतना ही नहीं, पीड़िता का मेडिकल परीक्षण तक नहीं कराया गया और आरोपी के खिलाफ मामूली धाराओं में केस दर्ज कर उसे आसानी से जमानत दिलाने की साजिश रची गई।

परिवार ने शुरू किया अनशन

इस अन्याय के खिलाफ आक्रोशित परिवार ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट परिसर में अनशन शुरू कर दिया। जैसे ही सूचना फैली, सिटी मजिस्ट्रेट और चौकी इंचार्ज विपिन यादव मौके पर पहुंचे। लेकिन चौकी इंचार्ज को देखते ही परिजनों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उन्होंने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके चलते चौकी इंचार्ज को बैरंग लौटना पड़ा। स्थिति को बिगड़ते देख सीओ सिटी अर्चना सिंह ने तुरंत मोर्चा संभाला। उन्होंने पीड़ित परिवार से बातचीत की और मामले की निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया। सीओ ने आश्वासन दिया कि पीड़िता का दोबारा मेडिकल परीक्षण कराया जाएगा और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। साथ ही, चौकी इंचार्ज की भूमिका की भी जांच की जाएगी।

सीओ सिटी के हस्तक्षेप और कार्यवाही के आश्वासन के बाद परिवार ने अनशन समाप्त किया, लेकिन इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या पुलिस की कार्यप्रणाली में खामियां हैं? क्या पीड़ित परिवार को इंसाफ मिल पाएगा? उरई में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है और लोग पुलिस प्रशासन से त्वरित और पारदर्शी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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