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Sambhal News: तुर्कीये और अज़रबैजान के खिलाफ व्यापारिक बहिष्कार, व्यापारियों ने दिया सशक्त संदेश

तुर्कीये और अज़रबैजान की हालिया बयानबाजी और पाकिस्तान के समर्थन में उनके रुख को लेकर देश के व्यापारियों में आज भारी आक्रोश देखने को मिला। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Jaya Pandey
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Sambhal News: तुर्कीये और अज़रबैजान के खिलाफ व्यापारिक बहिष्कार, व्यापारियों ने दिया सशक्त संदेश

संभल: भारत के खिलाफ तुर्कीये और अज़रबैजान की हालिया बयानबाजी और पाकिस्तान के समर्थन में उनके रुख को लेकर देश के व्यापारियों में आज भारी आक्रोश देखने को मिला। इसी के तहत अखिल भारतीय उद्योग युवा व्यापार मंडल ने एक ठोस पहल करते हुए चंदौसी से दोनों देशों के खिलाफ व्यापारिक बहिष्कार की मुहिम की शुरुआत कर दी है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, नगर अध्यक्ष अनुज वार्ष्णेय अन्नू के नेतृत्व में संगठन के पदाधिकारियों ने चंदौसी के सुपर मार्केट में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और आम नागरिकों व व्यापारियों से इन “आतंकवाद समर्थक” देशों के उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब तक तुर्कीये और अज़रबैजान भारत के खिलाफ बोलते रहेंगे, तब तक भारतीय व्यापारी किसी भी तरह का व्यापारिक रिश्ता नहीं रखेंगे।

सामग्री भेजकर दिया मानवता का परिचय

अनुज वार्ष्णेय ने मीडिया से बातचीत में कहा, “भारत ने तुर्की में भूकंप के दौरान सबसे पहले राहत सामग्री भेजकर मानवता का परिचय दिया था, लेकिन अब वही देश भारत की अखंडता और संप्रभुता पर सवाल उठा रहा है। अब वक्त आ गया है कि भारत का व्यापारी वर्ग भी आर्थिक स्तर पर करारा जवाब दे।”

आर्थिक बहिष्कार सशक्त हथियार

इस विरोध में संगठन के प्रदेश मंत्री शाहआलम मंसूरी भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि “आर्थिक बहिष्कार एक शांतिपूर्ण लेकिन सशक्त हथियार है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत विरोधी देशों को स्पष्ट संदेश दिया जा सकता है कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा।”

उत्तर प्रदेश से 800 करोड़ रुपए का व्यापार

व्यापार मंडल के अनुसार, उत्तर प्रदेश से तुर्कीये और अज़रबैजान को मुख्य रूप से मार्बल, ज्वेलरी, तंबाकू, मसाले और वस्त्र निर्यात किए जाते हैं। केवल उत्तर प्रदेश से ही अब तक करीब 1800 करोड़ रुपए का व्यापार इन देशों के साथ प्रभावित हो चुका है। व्यापारियों का कहना है कि अगर इन देशों की नीति में बदलाव नहीं आया, तो यह आंकड़ा आने वाले महीनों में और अधिक बढ़ सकता है।

आयातित उत्पादों पर प्रतिबंध

संगठन ने केंद्र सरकार से भी आग्रह किया है कि तुर्कीये और अज़रबैजान से आयातित उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया जाए और व्यापार समझौते की समीक्षा की जाए। यह मुहिम अब केवल चंदौसी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर देशभर में देखा जा रहा है और कई व्यापारिक संगठन इस अभियान से जुड़ रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत का व्यापारी वर्ग अब केवल मुनाफे के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए अपने फैसले लेने को तैयार है।

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