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बुंदेलखंड में बरसात बनी किसानों के लिए मुसीबत, पानी में डूबी फसल; सरकार से लगाई मदद की गुहार

बुंदेलखंड के किसानों पर एक बार फिर आसमान से आफत बरसी है। लगातार बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। झाँसी जिले के मोंठ क्षेत्र में हजारों बीघा धान की फसल पानी में डूब गई। कर्ज में डूबे किसान अब सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
Post Published By: Sapna Srivastava
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बुंदेलखंड में बरसात बनी किसानों के लिए मुसीबत, पानी में डूबी फसल; सरकार से लगाई मदद की गुहार

Jhansi: बुंदेलखंड के किसानों पर एक बार फिर आसमान से आफत बरसी है। झाँसी जनपद के मोंठ तहसील क्षेत्र में लगातार दो दिनों से हो रही बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। खेत जो कुछ दिन पहले तक सुनहरी फसल से लहलहा रहे थे, अब वहां सिर्फ पानी और बर्बादी का मंजर नजर आ रहा है।

किसानों ने इस बार बड़ी उम्मीदों के साथ धान की फसल बोई थी। किसी ने बैंक से कर्ज लिया तो किसी ने साहूकार से उधार लेकर बीज, खाद और पानी का इंतजाम किया। मेहनत की हर बूंद खेतों में बहा दी गई, लेकिन अब वही खेत लाचारी की तस्वीर बन गए हैं। कई जगहों पर खेतों में इतना पानी भर गया कि फसलें पूरी तरह डूब गईं, जबकि कुछ इलाकों में पौधे गिरकर सड़ने लगे हैं।

किसानों पर संकट

मोंठ, गुरसराय, बामौर और आसपास के गांवों में हजारों बीघा धान की फसल बर्बाद हो गई है। किसानों का कहना है कि अगर बारिश कुछ और दिनों तक जारी रही तो पूरी फसल खत्म हो जाएगी। खेतों में जलभराव के कारण पशुओं का चारा भी खराब हो गया है।

बरसात बनी मुसीबत

गांव के किसान रामसेवक यादव ने बताया, “हमने 80 हजार रुपये उधार लेकर खेती की थी। अब सब खत्म हो गया। न फसल बची, न उम्मीद।” वहीं, एक अन्य किसान कुलदीप सिंह ने कहा, “हर साल कभी सूखा तो कभी बेमौसम बारिश हमारी मेहनत को मिटा देती है। अब तो समझ नहीं आता खेती करें या छोड़ दें।”

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सरकार से मदद की अपील

किसानों ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से तत्काल सर्वे कराने और मुआवजा देने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार ने अब तक कोई टीम मौके पर नहीं भेजी है। कई गांवों में बिजली के खंभे गिर गए हैं और सड़कों पर भी पानी भर गया है, जिससे आवागमन में भी दिक्कतें बढ़ गई हैं।

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बारिश थमने के बाद नुकसान का आकलन शुरू किया जाएगा। प्राथमिक रिपोर्ट के मुताबिक, मोंठ क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है।

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टूटे सपने

झाँसी के कई इलाकों में किसान अब निराश हैं। कोई खेत में गिरी फसल देखकर रो रहा है तो कोई आसमान की ओर देखता हुआ पूछ रहा है “कब तक यूं ही मिट्टी में मिलते रहेंगे हमारे सपने?”

कई किसानों को अपनी बेटी की शादी करनी थी, कुछ को बच्चों की फीस जमा करनी थी, तो कुछ घर की मरम्मत की उम्मीद लगाए बैठे थे। लेकिन अब उनके सामने सिर्फ बर्बादी का नज़ारा है।

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