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Politics News: रायबरेली की राजनीति में भूचाल, नेताओं की मुलाकात ने बढ़ाया सियासी तापमान

रायबरेली जिले की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। भाजपा के दो प्रमुख नेताओं के एक साथ एक मंच साझा करने और फिर बंद कमरे में चर्चा करने की तस्वीरें सामने आने के बाद जनपद में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है।
Post Published By: Poonam Rajput
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Politics News: रायबरेली की राजनीति में भूचाल, नेताओं की मुलाकात ने बढ़ाया सियासी तापमान

Raebareli: रायबरेली जिले की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। भाजपा के दो प्रमुख नेताओं के एक साथ एक मंच साझा करने और फिर बंद कमरे में चर्चा करने की तस्वीरें सामने आने के बाद जनपद में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। यह घटनाक्रम खास इसलिए माना जा रहा है क्योंकि इन दोनों नेताओं के परिवारों के बीच लंबे समय से आपसी तनातनी रही है। कांग्रेस नेता स्व. राकेश पांडेय की हत्या के बाद जिस तरह का तनावपूर्ण माहौल बना था, उसकी यादें आज भी लोगों के जेहन में ताजा हैं।

वर्चस्व की राजनीति में कई हत्याएं

डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, राकेश पांडेय ही नहीं बल्कि जिले में कई अन्य लोग भी वर्चस्व और वसूलों की राजनीति की भेंट चढ़ चुके हैं। लेकिन हाल ही में हुए एक सार्वजनिक कार्यक्रम और उसके बाद की निजी मुलाकातों की तस्वीरें सामने आने के बाद से राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। सोशल मीडिया पर इन तस्वीरों के वायरल होते ही तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।

यश पांडेय का बड़ा आरोप

स्व. राकेश पांडेय के बेटे यश पांडेय ने इस पूरे घटनाक्रम पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने चाचा और ऊंचाहार विधायक डॉ. मनोज पांडेय पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि “वह केवल अपने स्वार्थ और अवसरवादी राजनीति के लिए जाने जाते हैं।” यश का कहना है कि उनके पिता की हत्या के बाद परिवार को न्याय नहीं मिला और राजनीतिक हितों के चलते बंद दरवाजों के पीछे समझौते कर लिए गए।

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मंच और मर्यादा पर सवाल

ऊंचाहार विधायक द्वारा मंच की मर्यादा की बात कहने पर यश पांडेय ने तीखा तंज कसा और पूछा कि यदि मंच पर मर्यादा थी तो बंद कमरे में हंसी-ठिठोली किस मर्यादा के तहत की जा रही थी? उन्होंने आरोप लगाया कि इस बंद कमरे की बातचीत में “गहरा राज” छुपा है जिसे जनता समय आने पर समझेगी और उसका जवाब देगी।

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जनता के बीच फैल रही बेचैनी

इस पूरी घटना के बाद रायबरेली और ऊंचाहार के आम नागरिकों के बीच भी बेचैनी का माहौल है। लोग अब यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या व्यक्तिगत राजनीतिक स्वार्थ जिले की शांति और न्याय व्यवस्था पर भारी पड़ रहे हैं?

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