गिनते-गिनते थक गई पुलिस! लेकिन नहीं खत्म हुए नोट, पढ़ें प्रतापगढ़ पुलिस की सबसे बड़ी रेड

प्रतापगढ़ पुलिस ने मानिकपुर थाना क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए ₹2.01 करोड़ कैश, 6.075 किलो गांजा और 577 ग्राम स्मैक बरामद की। SP दीपक भूकर के नेतृत्व में जेल से संचालित ड्रग नेटवर्क का भंडाफोड़ किया गया, जिसमें गिरोह की मुखिया रीना मिश्रा समेत पांच लोग गिरफ्तार हुए।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 9 November 2025, 6:28 PM IST
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Pratapgarh: उत्तर प्रदेश पुलिस ने ड्रग माफिया के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रतापगढ़ जिले में संचालित एक अंतरराज्यीय नशा तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। मानिकपुर थाना पुलिस ने इस कार्रवाई में करीब 2.01 करोड़ कैश, 6.075 किलो गांजा और 577 ग्राम स्मैक (हेरोइन) बरामद की है। बरामद रकम की गिनती में पुलिस को पूरे 22 घंटे लगे। अधिकारियों का कहना है कि यह उत्तर प्रदेश पुलिस इतिहास में ड्रग केस से जुड़ी अब तक की सबसे बड़ी कैश रिकवरी है।

आईपीएस दीपक भूकर के नेतृत्व में हुआ एक्शन

इस ऐतिहासिक कार्रवाई का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर ने किया, जो पहले प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और अशरफ के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए चर्चा में रह चुके हैं। उनके निर्देशन में मानिकपुर पुलिस ने यह अभियान चलाया। छापेमारी के दौरान पुलिस ने गिरोह की मुखिया रीना मिश्रा, उसके बेटे विनायक मिश्रा, बेटी कोमल मिश्रा, रिश्तेदार अजीत कुमार मिश्रा और यश मिश्रा को गिरफ्तार किया।

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जेल में बैठकर नशे का धंधा

जांच में खुलासा हुआ है कि राजेश मिश्रा, जो पहले से ही जेल में बंद है, वहीं से पूरे नशे के नेटवर्क का संचालन कर रहा था। वह जेल से फोन और मुलाकात के जरिए अपने परिवार के सदस्यों को तस्करी के निर्देश देता था। पुलिस ने बताया कि यह गिरोह पिछले कई वर्षों से गांजा और स्मैक की सप्लाई में सक्रिय था और अवैध रूप से करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर चुका था।

पुलिस ने रेड मारी तो पुलिस रह गई दंग

जब पुलिस टीम मानिकपुर के मुन्दीपुर गांव स्थित राजेश मिश्रा के घर पहुंची तो रीना मिश्रा ने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। टीम ने दरवाजा खुलवाया तो अंदर पांच लोग काले पन्नियों में नशे का माल और नकदी छिपाने की कोशिश कर रहे थे। तलाशी के दौरान पुलिस को लाखों रुपये की नकदी, गांजा और स्मैक बरामद हुई।

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इन धाराओं में मुकदमा दर्ज

छापेमारी के बाद यह भी खुलासा हुआ कि रीना मिश्रा और उसके बेटे विनायक ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए राजेश मिश्रा की जमानत कराई थी। उन्होंने अदालत में झूठे कागजात पेश कर राजेश की रिहाई सुनिश्चित की। पुलिस ने इस धोखाधड़ी के मामले में बीएनएस की धारा 319(2), 318(4), 338, 336(3), 340(2), 3(5), 61(2), 234, 235 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

लंबे समय से नशे के कारोबार में था परिवार

यह पहली बार नहीं है जब मिश्रा परिवार पर ऐसी कार्रवाई हुई हो। इससे पहले भी पुलिस ने राजेश और रीना मिश्रा की ₹3 करोड़ 6 लाख 26 हजार 895.50 रुपये की चल-अचल संपत्तियां कुर्क की थी। उन पर गैंगेस्टर एक्ट और एनडीपीएस एक्ट के तहत कई गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। उनका बेटा विनायक मिश्रा भी पहले नशे की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार हो चुका है।

Location : 
  • Pratapgarh

Published : 
  • 9 November 2025, 6:28 PM IST