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नोएडा में सिर कटी लाश का 9 दिन बाद खुलासा, जानें किसने, क्यों और कैसे किया था मर्डर?

नोएडा के सेक्टर-108 नाले में मिली सिर और हाथ कटे शव की गुत्थी 9 दिन बाद सुलझी। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि महिला की बस के अंदर हत्या उसके प्रेमी चालक ने की थी। ब्लैकमेलिंग और बेटियों को नुकसान पहुंचाने की धमकी से परेशान आरोपी ने पहले गला काटा, फिर शव के टुकड़े कर दो नालों में फेंक दिया।
Post Published By: ईशा त्यागी
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नोएडा में सिर कटी लाश का 9 दिन बाद खुलासा, जानें किसने, क्यों और कैसे किया था मर्डर?

Noida: नोएडा के सेक्टर-108 इलाके में 6 नवंबर को बरसाती नाले से मिले सिर और हाथ कटे महिला के क्षत-विक्षत शव की गुत्थी 9 दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार शुक्रवार को सुलझ गई। पुलिस की गहन जांच में खुलासा हुआ कि इस हत्या को किसी बाहरी आपराधिक गिरोह ने नहीं, बल्कि महिला के प्रेमी और बस चालक मोनू सोलंकी ने ही अंजाम दिया था। दो बेटियों की बदनामी और कथित ब्लैकमेलिंग से तंग आकर उसने महिला की बस के भीतर ही हत्या कर दी। फिर उसके शरीर के कई टुकड़े कर दो अलग-अलग नालों में फेंक दिया।

प्रेमी और प्रेमिका की मुलाकात कैसे हुई?

एटा जिले के जैथरा कस्बे के नेहरू नगर मोहल्ले में रहने वाला मोनू सोलंकी पिछले काफी समय से परिवार के साथ नोएडा के बरौला गांव में किराये पर रह रहा था। उसके साथ पत्नी, दो बेटियां, एक बेटा और मां भी रहती थी। मोनू पिछले छह माह से एक सत्संग संस्था की बस चलाता था। दो साल पहले वह एक जींस फैक्ट्री में नौकरी करता था, जहां उसकी मुलाकात पास में ही रहने वाली प्रीति यादव उर्फ प्रीति देवी से हुई थी।

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प्रीति और मोनू के बीच कैसे बढ़ी थी नजदीकियां

प्रीति का पति आपराधिक प्रवृत्ति का था। जिसकी वजह से प्रीति अपने पांच और आठ साल के दो बच्चों के साथ अलग रहती थी। घर पर लगातार आने-जाने के कारण दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ी और प्रेम संबंध शुरू हो गया। मोनू ही प्रीति के खर्च का जिम्मा उठाने लगा, लेकिन समय के साथ मोनू को प्रीति के पैसे मांगने के तरीके और कथित तौर पर गलत गतिविधियों से परेशानी होने लगी।

पुलिस पूछताछ में मोनू ने दावा किया कि प्रीति उसे मनमुताबिक रकम न देने पर उसकी बेटियों को गलत रास्ते पर ले जाने की धमकी देने लगी थी।

कैसे किया अपनी प्यारी प्रेमिका का मर्डर?

इन्हीं विवादों और तनावों से टूटकर मोनू ने प्रीति को “रास्ते से हटाने” का फैसला कर लिया। पांच नवंबर की शाम वह प्रीति को घूमने के बहाने बुलाकर बस में ले आया। मुर्गा बनाने का बहाना करते हुए वह उसके घर से गड़ासा भी साथ ले आया था।

दोनों सेक्टर-105 के पास रुके, जहां उन्होंने पराठे और मैगी खरीदी। इसी दौरान पैसों और साथ रहने को लेकर दोनों के बीच बहस बढ़ गई। प्रीति द्वारा कथित रूप से मोनू की बेटियों को लेकर आपत्तिजनक बातें कहने पर वह काबू खो बैठा और बस में ही गड़ासे से उसका गला काट दिया।

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हत्या के बाद कैसे शव को ठिकाने लगाया?

हत्या के बाद उसने सिर और हाथ के पंजे भी अलग कर दिए। शव को सेक्टर-108 के नाले में फेंक दिया। इसके बाद वह गाजियाबाद के सिद्धार्थ विहार इलाके में पहुंचा और प्लास्टिक में रखे कटे अंगों को बस के टायर से कुचलकर उनके पहचान योग्य निशान मिटाने की कोशिश की। उसी स्थान के पास उसने गड़ासा, खून लगे कपड़े और बस का मैट भी नाले में फेंक दिया। बरौला लौटकर उसने बस को चार बार धोया, जिससे खून के निशान मिट जाएं।

प्रीति की हत्या के बाद उसके बच्चों का क्या किया?

अगले दिन जब प्रीति घर नहीं लौटी, तो मोनू उसके दोनों बच्चों को अपने घर ले आया और परिवार से कहा कि प्रीति कहीं बाहर चली गई है। चूंकि पहले भी वह कई दिनों तक घर से गायब रहती थी, इसलिए किसी को संदेह नहीं हुआ।

पुलिस ने कैसे किया खुलासा?

इधर, पुलिस की 9 टीमें मामले की जांच में लगी थी। घटनास्थल के पास 5 नवंबर की रात करीब 8:30 बजे एक सफेद-नीली बस बिना लाइट के गुजरते देखी थी। इसी सुराग के आधार पर पुलिस सत्संग संस्था तक पहुंची और बस चालक मोनू तक पहुंचकर जांच का दायरा बढ़ाया। जब पुलिस उसके घर पहुंची, तभी प्रीति की गुमशुदगी की जानकारी भी सामने आई।

पुलिस ने प्रीति के पैरों में पहने बिछुओं का फोटो बच्चों को दिखाया, जिस पर उन्होंने मां की होने का अंदेशा जताया। कड़ी पूछताछ में मोनू टूट गया और पूरे अपराध की कहानी बता दी। उसकी निशानदेही पर सिद्धार्थ विहार के नाले से कटे अंगों और हत्या में इस्तेमाल गड़ासा, कपड़े के साथ बस का मैट बरामद कर लिए गए।

पुलिस का बयान

डीसीपी यमुना प्रसाद ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। प्रीति के परिवार के डीएनए सैंपल लेकर शव से मिलान कराया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक, फोरेंसिक और बयान आधारित सबूत जुटाकर आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी।

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