Gorakhpur: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विकास के प्रति संकल्प और पर्याप्त बजट उपलब्ध होने के बावजूद शहर के प्रमुख ओवरब्रिज निर्माण कार्यों में लापरवाही लगातार बनी हुई है। खजांची चौक, पादरी बाजार और नकहा ओवरब्रिज का निर्माण वर्षों से अधर में लटका हुआ है। अधिकारियों के सख्त निर्देश और समीक्षा बैठकों के बावजूद सेतु निगम के अधिकारी निर्माण कार्य को ‘कछुआ चाल’ से आगे बढ़ा रहे हैं, जिससे जनता में गहरी नाराजगी है।
वरिष्ठ अधिकारियों ने कई बार स्पष्ट निर्देश दिए कि अतिरिक्त मजदूर लगाकर और मशीनों की संख्या बढ़ाकर कार्य को तेजी से पूरा किया जाए, लेकिन यह आदेश सिर्फ कागजों तक सीमित रह गए हैं। मौके पर काम की रफ्तार बेहद धीमी है, मजदूरों की संख्या सीमित है और निर्माण स्थलों पर मशीनें भी पर्याप्त नहीं हैं। परिणामस्वरूप, महीनों बीत जाने के बाद भी कार्य में अपेक्षित प्रगति नहीं दिख रही।
गोरखपुर: दीपोत्सव में बच्चों की खास पहल, कहा- “हम मनाएंगे ग्रीन दिवाली”
खजांची चौक से लेकर पादरी बाजार तक रोजाना जाम की समस्या बनी रहती है। स्कूल बसें, एंबुलेंस और आम वाहन घंटों तक जाम में फंसे रहते हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सेतु निगम और पीडब्ल्यूडी विभाग की यह लापरवाही मुख्यमंत्री के विकास प्रयासों को पलीता लगाने जैसी है। जनता सवाल कर रही है कि जब मुख्यमंत्री स्वयं गोरखपुर के विकास कार्यों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं, तब भी अधिकारी आदेशों को गंभीरता से क्यों नहीं ले रहे हैं।
व्यापारी संघ के अध्यक्ष ने नाराजगी जताते हुए कहा, “हम रोज़ जाम में फंसते हैं। अधिकारी सिर्फ निरीक्षण और बयानबाज़ी में व्यस्त हैं। मुख्यमंत्री योगी जी ने विकास के लिए बजट की कोई कमी नहीं छोड़ी, लेकिन अफसरों ने जनता की परेशानी को मज़ाक बना दिया है।”
गोरखपुर में युवक की मौत पर भारी बवाल, भीड़ बेकाबू, महिला सिपाही समेत कई पुलिसकर्मी जख्मी
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि जल्द ही ओवरब्रिज निर्माण की गति नहीं बढ़ाई गई और समयबद्ध पूर्णता सुनिश्चित नहीं की गई, तो जनता आंदोलन के लिए बाध्य होगी। शासन से मांग की गई है कि सेतु निगम और पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की जवाबदेही तय कर कार्रवाई की जाए, ताकि मुख्यमंत्री के विकास अभियान की गति बनी रहे और शहर की जनता राहत की सांस ले सके।