Site icon Hindi Dynamite News

योग साधना आश्रम के महंत स्वामी यशवीर को पुलिस नोटिस, साम्प्रदायिक सौहार्द पर चेतावनी

योग साधना आश्रम के महंत स्वामी यशवीर जी महाराज को साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने संबंधी टिप्पणियों के कारण नोटिस जारी कर चेतावनी दी है। स्वामी जी ने नोटिस के बाद सोशल मीडिया पर कहा कि वे सनातन धर्म की रक्षा के लिए आवाज उठाते रहेंगे।
Post Published By: Asmita Patel
Published:
योग साधना आश्रम के महंत स्वामी यशवीर को पुलिस नोटिस, साम्प्रदायिक सौहार्द पर चेतावनी

Muzaffarnagar: मुजफ्फरनगर जनपद स्थित योग साधना आश्रम के महंत स्वामी यशवीर जी महाराज को तितावी थाना पुलिस की ओर से 2 नवंबर को नोटिस दिया गया। नोटिस में पुलिस ने स्पष्ट किया है कि किसी संवेदनशील मामले या किसी समुदाय से जुड़े मुद्दे पर सोशल मीडिया पर विवादस्पद बयान देने से साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ने का खतरा बनता है। पुलिस ने महंत को आगाह करते हुए कहा है कि भविष्य में ऐसा कोई विवादास्पद बयान देने से वे बचें, अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

चेतावनी के बाद पलटें महंत

नोटिस मिलने के बाद स्वामी यशवीर जी महाराज ने सोशल मीडिया पर अपना एक लंबा बयान जारी किया। बयान में उन्होंने कहा कि वे और उनके अनुयायी सनातन धर्म तथा उसके अनुयायियों के खिलाफ किसी भी प्रकार के कथित हमले के खिलाफ आवाज उठाएंगे। महंत ने अपने बयान में यह भी कहा कि नोटिस उन्हें चुप करने का माध्यम नहीं बन सकता।

मुजफ्फरनगर सड़क हादसा, होमगार्ड की मौत और ट्रक ड्राइवर की गिरफ्तारी के बाद खुल रहे राज़

बयान में महंत ने कुछ घटनाओं का जिक्र करते हुए दावा किया कि “कई बार हमारे देवी-देवताओं के नाम पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पहचान प्लेट पर गलत कृत्य किए” तथा कुछ स्थानों पर भोजन के साथ अनुचित हरकतों की शिकायतें मिली थीं। इन शिकायतों के समर्थन में उन्होंने प्रशासन की कार्रवाई का भी हवाला दिया।

महंत के शब्दों में, “हम सनातन धर्म के प्रचारक हैं। जब तक हमारे अंदर एक-एक रक्त की बूंद है, हम अपनी धार्मिक परम्पराओं की रक्षा करेंगे” यह कथन उन्होंने नोटिस के प्रभाव से अपने संकल्प को जताने के लिए कहा। हालांकि महंत ने बयान में किसी विशिष्ट व्यक्ति या समूह के खिलाफ खुलकर हिंसा या उकसावे वाला आह्वान नहीं किया; फिर भी उनकी भाषा कुछ पाठकों को कड़ा लग सकती है।

शांति व कानून का पालन जरूरी

मुजफ्फरनगर में परिवारिक रंजिश पर दिनदहाड़े फायरिंग, चाचा-भतीजे में गोलीबारी, जानें फिर क्या हुआ

जिलाधिकारी एवं पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नोटिस का उद्देश्य केवल शांति और कानून व्यवस्था बनाये रखना है, न कि किसी की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाना। प्रशासन ने दोनों पक्षों से संयम और कानून का पालन करने का आग्रह किया है। अधिकारियों ने कहा कि अगर सोशल मीडिया पर दिए गये किसी भी बयान से वास्तविक खतरा या तनाव उत्पन्न होने की सम्भावना दिखती है तो प्रशासन त्वरित और उपयुक्त कदम उठाएगा।

समाज और स्थानीय घटक क्या कह रहे हैं

स्थानीय नागरिकों और समुदायों में इस घटना को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएँ देखने को मिलीं। कुछ लोग महंत के अधिकारों और धार्मिक भावनाओं के प्रति सहानुभूतिपूर्ण हैं और उनका मानना है कि धार्मिक नेताओं को भी सामाजिक अन्याय पर आवाज उठाने का अधिकार है। वहीं अन्य लोगों का कहना है कि सार्वजनिक मंचों पर दिए गये किसी भी अप्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष उकसावे को रोकने के लिए प्रशासन का कदम आवश्यक था।

Exit mobile version