गोरखपुर पुलिस की बड़ी जीत, कोर्ट ने 2010 के हत्या केस में सुनाई सजा, पढ़िए पूरी खबर

गोरखपुर में ऑपरेशन कनविक्शन के तहत पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। साल 2010 के हत्या के प्रयास के मामले में कोर्ट ने दो आरोपियों को दोषी ठहराया है। न्यायालय ने दोनों को छह-छह साल की कठोर कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 23 December 2025, 8:14 PM IST

Gorakhpur: गोरखपुर में सालों पुराने अपराध, धूल खाती फाइलें और तारीखों के बीच छिपे आरोपी अब कानून की पकड़ से बाहर नहीं हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस के ऑपरेशन कनविक्शन ने यह साबित कर दिया है कि जुर्म चाहे जितना पुराना हो, सजा तय है। गोरखपुर के बहुचर्चित हत्या के प्रयास के एक मामले में अदालत का ताजा फैसला इसी सख्त रुख का बड़ा उदाहरण बनकर सामने आया है।

ऑपरेशन कनविक्शन

उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा अपराधियों को सजा दिलाने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन कनविक्शन अभियान के तहत गोरखपुर पुलिस को एक अहम कामयाबी मिली है। वर्ष 2010 में थाना शाहपुर में दर्ज हत्या के प्रयास के मामले में माननीय न्यायालय ने दो अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए कठोर दंड सुनाया है। यह फैसला गोरखपुर पुलिस की मजबूत विवेचना, लगातार मॉनिटरिंग और प्रभावी पैरवी का सीधा नतीजा माना जा रहा है।

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2010 का मामला

यह मामला 2010 में दर्ज किया गया था। जिसमें दंगा, मारपीट, गाली-गलौज, तोड़फोड़ और हत्या के प्रयास जैसी गंभीर धाराएं शामिल थीं। इस केस में अभियुक्त उपेंद्र सिंह उर्फ कल्लू, निवासी मऊ जनपद, और रामू सोनकर, निवासी गोरखपुर जनपद, को न्यायालय ने दोषी पाया। वर्षों बाद आए इस फैसले ने यह साफ कर दिया कि कानून की रफ्तार भले धीमी हो, लेकिन दिशा बिल्कुल सही है।

कोर्ट का सख्त फैसला

अपर सत्र न्यायाधीश ने दोनों अभियुक्तों को हत्या के प्रयास का दोषी मानते हुए छह-छह वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही हर अभियुक्त पर दस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। इस फैसले से न केवल पीड़ित पक्ष को न्याय मिला है, बल्कि समाज में कानून के प्रति भरोसा और मजबूत हुआ है।

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पुलिस की पैरवी

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर के निर्देशन में थाना शाहपुर के पैरोकार और पुलिस मॉनिटरिंग सेल ने इस केस की लगातार निगरानी की। पुराने साक्ष्यों को नए सिरे से पेश करना और गवाहों को मजबूती से अदालत के सामने रखना इस केस की सबसे बड़ी ताकत रहा। अभियोजन पक्ष की ओर से ADGC ब्रजेश कुमार सिंह और ADGC धर्मेंद्र मिश्रा की प्रभावी पैरवी ने अदालत को दोष सिद्ध करने में भूमिका निभाई।

Location : 
  • Gorakhpur

Published : 
  • 23 December 2025, 8:14 PM IST