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महराजगंज: गाँवो की बदबूदार नालियों के बीच, कैसे सफल होगा संचारी रोग अभियान? ग्रामीणों मे भारी रोष

जब वर्षो से नालियां जाम हो तो सिर्फ कागजो में साफ़ सफाई दिखाकर संचारी अभियान को कैसे सफ़ल बनाया जा सकता है। यहां पढ़े पूरी खब
Post Published By: Tanya Chand
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महराजगंज: गाँवो की बदबूदार नालियों के बीच, कैसे सफल होगा संचारी रोग अभियान? ग्रामीणों मे भारी रोष

Maharajganj: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में 1 जुलाई से 31 जुलाई तक संचारी रोग अभियान चल रहा, जिसमें गांवो की नलियों की साफ सफाई, गलियों को स्वच्छ रखने और दवा का छिड़काव करने के निर्देश है। लेकिन प्रशासन की ये योजना सिर्फ कागजी कोटापूर्ति मात्र बनकर रह गई है। असलियत ये है अब भी कई गांवों में साफ़ सफाई और गंदगी का अंबार है, नालिया जाम है ऐसे में संचारी रोग अभियान कैसे सफ़ल होगा। ये एक बड़ा सवाल है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता अनुसार पुरंदरपुर थाना क्षेत्र के ताल्ही गांव के ग्रामीण बीरबल, प्रताप, प्रह्लाद, रामचन्द्र आदि लोगों ने बताया की उनके घर के आगे की नाली सालों से जाम और टूटी हुई हैं, जिसमें घास फूस उग गए है। नालियों से भारी बदबूदार दुर्गन्ध उठती है। गंदगी की वजह से मच्छरो का प्रकोप बढ़ता जा रहा जिससे संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा उत्पन्न हो गया है।

बरसात के दिनों में स्थिति और बुरी
बरसात के दिनों मे स्थिति और भी दूभर हो जाती है जब नालियों का ओवरफ्लो पानी घर तक मे घुस जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि करीब एक साल पहले मशीन ने नाली की सफाई करते वक़्त नाली का कुछ हिस्सा टूट गया, तब से ऐसी ही स्थिति बनी हुई है। कोई ध्यान नही देता, सफाई कर्मी भी यहां नाली साफ करने नहीं आते।

ग्रामीणों की बड़ी मांग
ग्रामीणों ने ब्लॉक अधिकारियों से नाली मरम्मत कर साफ सफाई करने की मांग की है। ताकि उन्हें भी साफ सफाई युक्त वातावरण में जीने का लाभ मिल सके। बता दें ये समस्या किसी एक गांव की नहीं हैं ,जिम्मेदारों की उपेक्षा का शिकार कई गाँव है। जहाँ सिर्फ कागजो में खानापूर्ति कर अभियान को सफल बनाया जा रहा।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकारी संचारी रोग अभियान अच्छी पहल है, लेकिन कागज़ों तक सीमित रहना ग्रामीणों के लिए खतरा बन गया है। असली सफलता तभी होगी जब नालियों की मरम्मत, नियमित सफाई और संक्रमण नियंत्रण के कार्य धरातल पर लागू हों। बता दें कि यह परेशानी यूपी के हर जिले में कहीं ना कहीं देखने को मिल जाएगी। यह एक गंभीर समस्या है, जिसे प्रशासन गंभीरता से नहीं लेती है।

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