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Jalaun News: सरकारी गेहूं क्रय केंद्रों पर सन्नाटा, बिचौलिये कमा रहे मोटा मुनाफा; जानिए क्या है पूरा मामला

किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से खोले गए सरकारी गेहूं क्रय केंद्र इन दिनों वीरान पड़े हैं। पूरी जानकारी के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
Post Published By: Jaya Pandey
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Jalaun News: सरकारी गेहूं क्रय केंद्रों पर सन्नाटा, बिचौलिये कमा रहे मोटा मुनाफा; जानिए क्या है पूरा मामला

जालौन: जनपद में किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से खोले गए सरकारी गेहूं क्रय केंद्र इन दिनों वीरान पड़े हैं। बीते बीस दिनों से किसी भी केंद्र पर किसानों की उपस्थिति देखने को नहीं मिल रही है, जिससे यह केंद्र समय से पहले ही बंद जैसे नजर आ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, खुले बाजारों में बिचौलिए सक्रिय हो गए हैं और जमकर गेहूं की खरीदारी कर भारी मुनाफा कमा रहे हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, सरकार द्वारा निर्देशित गेहूं खरीद प्रक्रिया के अंतर्गत कृषि उत्पादन मंडी समिति समेत जिले भर में एक दर्जन से अधिक क्रय केंद्र खोले गए थे। इन केंद्रों को 15 जून तक संचालित करने के आदेश दिए गए हैं। लेकिन 2 जून तक ही इन केंद्रों की स्थिति चिंताजनक हो गई है। अधिकांश केंद्रों पर कर्मचारियों की मौजूदगी नहीं है और न ही किसान अपनी फसल लेकर आ रहे हैं।

किसानों को नकद भुगतान की जरूरत

इस स्थिति के पीछे सबसे बड़ा कारण किसानों की नकद भुगतान की जरूरत बताई जा रही है। किसान क्रय केंद्रों पर भुगतान प्रक्रिया में लगने वाले समय और जटिलताओं से परेशान होकर सीधे बाजार का रुख कर रहे हैं, जहां उन्हें तुरंत नगद भुगतान मिल रहा है। इसका फायदा उठाकर बिचौलिए किसानों से कम कीमत पर गेहूं खरीद रहे हैं और बाजार में ऊंचे दामों पर बेचकर भारी मुनाफा कमा रहे हैं।

भुगतान प्रक्रिया में देरी बनी वजह

सरकारी गेहूं खरीद केंद्र के प्रभारी आशीष कुमार ने बताया कि “केंद्र तो खुले हुए हैं लेकिन किसान नहीं आ रहे। अधिकांश किसान बाजार में गेहूं बेचकर नकद राशि लेकर चले जा रहे हैं। भुगतान प्रक्रिया की देरी के चलते वे सरकारी केंद्रों से दूरी बना रहे हैं।”

विफलता को किया उजागर

इस स्थिति ने सरकार की नीतियों की विफलता को उजागर कर दिया है। किसानों तक योजना का वास्तविक लाभ नहीं पहुंच पा रहा है, जबकि सरकार का उद्देश्य था कि किसान अपनी उपज सरकारी दर पर बेचें और उन्हें उचित मूल्य मिले। स्थानीय प्रशासन की लापरवाही और निगरानी की कमी के चलते बिचौलिए हावी हो गए हैं।

व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की आवश्यकता

अब जरूरत है कि प्रशासन सक्रिय भूमिका निभाए और क्रय केंद्रों पर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करे। साथ ही किसानों को जागरूक कर उन्हें सरकारी योजनाओं की ओर आकर्षित किया जाए, ताकि वे बाजार के बजाय अधिक लाभकारी सरकारी केंद्रों का लाभ उठा सकें।

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