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यूपी के शाहजहांपुर में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम पर एक व्यापारी से 50 लाख की रंगदारी मांगने का मामला सामने आया है। मामले में पुलिस ने एक 15 वर्षीय नाबालिग को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया है। यह नाबालिग खुद को कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य बता रहा था।
शाहजहांपुर में एक व्यापारी से मांगी फिरौती
Shahjahanpur: यूपी के शाहजहांपुर में एक व्यापारी से लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम पर 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने के आरोप में पुलिस ने 15 वर्षीय नाबालिग को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया है। नाबालिग फतेहपुर का रहने वाला है और बेंगलुरु में पोहा स्टॉल चलाता है। पूछताछ में उसने किसी गैंग से संबंध होने से इनकार किया और कहा कि उसने क्राइम रील्स देखकर कॉल किया था। उसे किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
जानकारी के अनुसार थाना निगोही क्षेत्र के सतवां बुजुर्ग निवासी रंजीत सिंह, जो गुरुराम दास एग्रो फर्म के प्रोपराइटर हैं, ने बताया कि 21 अक्टूबर को उन्हें फेसबुक पर 'ओम सिंह' नाम के एक व्यक्ति ने कॉल किया। कॉल करने वाले ने खुद को लॉरेंस बिश्नोई ग्रुप का सदस्य बताया और 50 लाख रुपए की मांग की।
पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने बुधवार को बताया कि निगोही इलाके के व्यापारी रणजीत सिंह ने 31 अक्टूबर को एक शिकायत दर्ज कराई थी। व्यापारी को 'ओम सिंह' नाम के एक फेसबुक मैसेंजर अकाउंट से कॉल आया था। कॉल करने वाले ने खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य बताया और 50 लाख रुपये की मांग की, साथ ही पैसे न देने पर जान से मारने की धमकी भी दी। शिकायत मिलते ही, संदिग्ध को ट्रैक करने के लिए पुलिस की तीन टीमें गठित की गईं।
पुलिस अधीक्षक द्विवेदी ने बताया, 'फेसबुक अकाउंट की लोकेशन ट्रैक करने के बाद टीमों को कर्नाटक के बेंगलुरु और उत्तर प्रदेश के फतेहपुर भेजा गया. हमारी स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG) टीम ने बेंगलुरु से एक 15 वर्षीय लड़के को पकड़ा, जो वहां एक पोहा स्टॉल चलाता है।
अधिकारी ने बताया कि यह नाबालिग मूल रूप से यूपी के फतेहपुर जिले का रहने वाला है और बेंगलुरु में अपने एक रिश्तेदार के साथ रहता था. आरोपी नाबालिग को बुधवार को किशोर न्याय बोर्ड (Juvenile Justice Board) के सामने पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या इस मामले में कोई और शामिल है, या यह सिर्फ सोशल मीडिया के प्रभाव में उठाया गया एक कदम था।
पुलिस की पूछताछ में नाबालिग ने कथित तौर पर कबूल किया कि वह किसी भी गिरोह से जुड़ा नहीं है। उसने बताया कि उसने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपराध से संबंधित रील्स देखने के बाद रंगदारी के लिए कॉल किया था। उसने कहा कि वह अपने परिवार का समर्थन करने के लिए एक छोटा फूड स्टॉल चलाता है।
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एसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि मामले की विवेचना कर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। व्यापारी को पूरी सुरक्षा का आश्वासन दिया गया है।