हरितालिका तीज: व्रत में भूलकर भी न करें ये गलतियां, जानिए पूजन विधि और नियम

हरितालिका तीज व्रत भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य के लिए करती हैं। इस वर्ष यह पर्व 26 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। महिलाएं निर्जल रहकर शिव-पार्वती की पूजा करती हैं और सोलह श्रृंगार कर कथा व भजन-कीर्तन करती हैं। इस दिन शुभ योगों का विशेष महत्व रहेगा।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 26 August 2025, 9:41 AM IST

Gorakhpur: हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को सुहागिन महिलाएं हर वर्ष हरितालिका तीज व्रत करती हैं। यह व्रत अखंड सौभाग्य और पति की लंबी आयु की कामना के लिए रखा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता पार्वती ने कठोर तपस्या कर भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया था। तभी से इस व्रत की परंपरा शुरू हुई और आज भी आस्था और श्रद्धा के साथ इसका पालन किया जाता है।

इस दिन महिलाएं निर्जल व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से दांपत्य जीवन सुखमय होता है, संतान सुख की प्राप्ति होती है और परिवार में समृद्धि बनी रहती है।

हरितालिका तीज पर क्या करें?

सुहागिन महिलाएं सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और सूर्यदेव को जल अर्पित करके व्रत का संकल्प लें। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की मिट्टी की मूर्ति बनाकर अथवा चित्र परंपरागत विधि से पूजा करना शुभ माना जाता है। पूजा में बेलपत्र, धतूरा, पुष्प, रोली, अक्षत और सुहाग की वस्तुएं अर्पित करनी चाहिए। पूजा के बाद महिलाएं सामूहिक रूप से कथा और भजन-कीर्तन करती हैं। साथ ही सोलह श्रृंगार करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन दान का भी बड़ा महत्व है। महिलाएं सुहाग सामग्री जैसे चूड़ी, बिंदी, सिंदूर, वस्त्र आदि दान करके पुण्य अर्जित करती हैं।

हरितालिका तीज पर क्या न करें?

इस व्रत का सबसे अहम नियम है निर्जल रहना। यानी पूरे दिन अन्न और जल का सेवन नहीं करना चाहिए। व्रती महिलाओं को क्रोध, झगड़ा और कटु वचन बोलने से बचना चाहिए। श्रृंगार की वस्तुओं का अपमान करना या उन्हें अपवित्र स्थान पर रखना भी अशुभ माना जाता है। व्रत के दिन छल, झूठ और नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए। महत्वपूर्ण बात यह है कि पूजा और कथा के बाद ही व्रत का समापन किया जाना चाहिए। पूजा से पहले व्रत तोड़ना व्रत के नियमों का उल्लंघन माना जाता है।

शुभ मुहूर्त और विशेष योग

इस वर्ष हरितालिका तीज का व्रत 26 अगस्त 2025 को पड़ रहा है। इस दिन चार शुभ योग बन रहे हैं, जो व्रत के महत्व को और अधिक बढ़ा देंगे। हरितालिका तीज केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि महिलाओं की आस्था, श्रद्धा और परिवार की खुशहाली का प्रतीक है। यही कारण है कि इसे कठिन व्रतों में गिना जाता है और इसे पूरे नियम और संयम के साथ करने की परंपरा है।

Location : 
  • Gorakhpur

Published : 
  • 26 August 2025, 9:41 AM IST