Site icon Hindi Dynamite News

मनरेगा घोटाले में फंसे ग्राम विकास अधिकारी फिरोज आलम सिद्दकी सस्पेंड

मनरेगा योजनान्तर्गत करोड़ों की धनराशि के दुरुपयोग का बड़ा मामला सामने आया है। जांच में अनियमितता उजागर होने पर उपायुक्त (श्रम एवं रोजगार) ने तत्काल प्रभाव से ग्राम विकास अधिकारी फिरोज आलम को निलंबित कर दिया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि निलंबन अवधि में उन्हें केवल जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा और मामले की जांच 15 दिन में पूरी की जाएगी। जानिए डाइनामाइट न्यूज पर पूरी खबर
Post Published By: Rohit Goyal
Published:
मनरेगा घोटाले में फंसे ग्राम विकास अधिकारी फिरोज आलम सिद्दकी सस्पेंड

Maharajganj: महराजगंज जनपद में मनरेगा योजना से जुड़ा एक बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। उपायुक्त (श्रम एवं रोजगार) महराजगंज ने पत्र संख्या 261/ग्रा०जोगिया/जांच/अनुपालन/2025-20 दिनांक 28 अगस्त 2025 के आदेश में विकास खंड बृजमनगंज में तैनात ग्राम विकास अधिकारी फिरोज आलम को गंभीर अनियमितताओं के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार जांच में पाया गया कि ग्राम पंचायत जोगिया, विकास खंड पुपरी में वर्ष 2020-21 में पंचायत भवन की बाउंड्रीवाल निर्माण के लिए 4.76 लाख रुपये स्वीकृत हुए थे। आश्चर्य की बात यह है कि 4.84 लाख रुपये का भुगतान भी कर दिया गया, जबकि मौके पर कोई भी कार्य नहीं हुआ। वास्तव में उक्त पंचायत भवन पहले से ही मनरेगा पार्क की बाउंड्रीवाल के भीतर स्थित है। योजना की साइट पर जनरेट आईडी 8004/ए०वी०/23010898 से भुगतान की पुष्टि हुई है।

इसी तरह, ग्राम पंचायत जोगिया (घुघली ब्लॉक) में टैक्सी स्टैंड पुल से मुन्ना पांडेय के खेत तक नाला निर्माण के लिए 3.96 लाख रुपये की स्वीकृति हुई और 3.88 लाख रुपये का भुगतान भी कर दिया गया। लेकिन मौके पर कोई कार्य नहीं पाया गया। योजना की साइट पर आईडी 8004/एफ०पी०/23057020 दर्ज है, जिसके माध्यम से भुगतान किया गया। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यह भुगतान भी कागजी ही रहा।

उपायुक्त (श्रम एवं रोजगार) ने आदेश में लिखा है कि इन अनियमितताओं के लिए फिरोज आलम प्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार पाए गए हैं। इसी आधार पर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।

निलंबन अवधि में उन्हें वित्तीय हस्तपुस्तिका खंड-2 भाग-2 से 4 के मूल नियम 53 के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा, जो कि आधे वेतन और महंगाई भत्ते के बराबर होगा। साथ ही अन्य प्रतिकर भत्ते तभी देय होंगे, जब वह वास्तव में उनका व्यय करेंगे और इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेंगे कि वह किसी अन्य रोजगार या व्यापार से नहीं जुड़े हैं।

इस मामले की जांच के लिए खंड विकास अधिकारी, परतावल को जांच अधिकारी नामित किया गया है। उन्हें निर्देश दिया गया है कि 15 दिन के भीतर आरोप पत्र तैयार कर प्रस्तुत करें ताकि आगे की कार्यवाही की जा सके।

निलंबन अवधि में फिरोज आलम को विकास खंड सदर, महराजगंज से सम्बद्ध किया गया है, जबकि उनका जीवन निर्वाह भत्ता विकास खंड बृजमनगंज से आहरित होगा।

Exit mobile version