Gorakhpur: गोरखपुर में समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की गिरफ्तारी के विरोध में मंगलवार को गोरखपुर के शास्त्री चौक पर सपा कार्यकर्ताओं ने जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने अखिलेश की तत्काल रिहाई की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की और योगी सरकार के खिलाफ तीखे तेवर दिखाए। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तनावपूर्ण माहौल बन गया, जिसने हिंसक झड़प का रूप ले लिया।
धक्का-मुक्की से भड़का तनाव
प्रदर्शन स्थल पर पहुंची पुलिस ने धरना समाप्त करने की कोशिश की, लेकिन सपा कार्यकर्ताओं ने इसे लोकतांत्रिक अधिकार का हनन बताते हुए विरोध जारी रखा। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पुलिस ने न केवल उन्हें शांतिपूर्ण प्रदर्शन से रोका, बल्कि एक पुलिस इंस्पेक्टर ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए धमकी भी दी। इस बीच, धक्का-मुक्की और तीखी नोकझोंक ने स्थिति को और बिगाड़ दिया।
दर्जनभर कार्यकर्ता हिरासत में
बिगड़ते हालात को देखते हुए पुलिस ने सख्ती बरतते हुए दर्जनभर से अधिक सपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया और उन्हें थाने ले जाया गया। इस कार्रवाई से शास्त्री चौक और आसपास के इलाकों में तनाव फैल गया। प्रदर्शन के दौरान सड़कों पर जाम की स्थिति बनी, जिससे आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
सपा ने दी आंदोलन तेज करने की चेतावनी
सपा नेताओं ने इस घटना को लोकतंत्र पर हमला करार देते हुए पुलिस प्रशासन और सरकार की कड़ी निंदा की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अखिलेश यादव को तुरंत रिहा नहीं किया गया तो पूरे प्रदेश में आंदोलन को और तेज किया जाएगा। सपा नेताओं ने दावा किया कि यह कार्रवाई सत्तारूढ़ दल की साजिश का हिस्सा है, जिसका मकसद विपक्ष की आवाज को दबाना है।
स्थानीय प्रशासन की चुप्पी
घटना के बाद स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। पुलिस की कार्रवाई और सपा कार्यकर्ताओं की हिरासत ने इलाके में सियासी तापमान को और बढ़ा दिया है। शास्त्री चौक पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके।
सपा कार्यकर्ताओं का गुस्सा
एक सपा कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हम शांतिपूर्वक अपनी बात रख रहे थे, लेकिन पुलिस ने बेवजह बल प्रयोग किया। यह सरकार विपक्ष को कुचलना चाहती है।” वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं शहर में शांति भंग कर रही हैं और प्रशासन को तुरंत मामले को सुलझाना चाहिए।
गोरखपुर में यह घटना सियासी हलकों में चर्चा का विषय बन गई है। सपा नेताओं ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की है और कार्यकर्ताओं से एकजुट होने का आह्वान किया है। इस बीच, सभी की निगाहें अब प्रशासन और सपा के अगले कदम पर टिकी हैं।

