Gorakhpur: गोरखपुर में गुरुवार को पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुभाष चंद्र शर्मा ने छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना की प्रगति की समीक्षा के लिए एनेक्सी सभागार में उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में अधिकारियों को कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा गया कि “31 अक्टूबर तक हर पात्र छात्र का ऑनलाइन आवेदन हर हाल में पूरा होना चाहिए। किसी भी विद्यालय या कॉलेज की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
हर छात्र को मिले योजना का लाभ
प्रमुख सचिव ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी पात्र विद्यार्थी छात्रवृत्ति से वंचित न रहे। सभी विद्यालयों और महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य यह सुनिश्चित करें कि छात्र समय पर अपना आवेदन जमा करें। सही पाए गए आवेदन के लिए छात्रवृत्ति की धनराशि 28 नवंबर 2025 को सीधे उनके बैंक खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दी जाएगी।
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डेटा फीडिंग और वेरिफिकेशन में गड़बड़ी पर सख्त कार्रवाई
उन्होंने सभी संस्थानों को आगाह किया कि डेटा फीडिंग या वेरिफिकेशन में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित विद्यालय या कॉलेज के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। “शिक्षा हर छात्र का अधिकार है और कोई भी पात्र विद्यार्थी केवल लापरवाही के कारण वंचित नहीं रहेगा।”
गोरखपुर जिले की प्रगति रिपोर्ट
बैठक में गोरखपुर जिले के 514 माध्यमिक विद्यालयों में से 385 विद्यालयों ने अब तक छात्रवृत्ति का डेटा अपलोड कर दिया है। करीब 29 हजार छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया है, जिनमें अधिकांश का वेरिफिकेशन पूरा हो चुका है। शेष विद्यालयों को निर्देश दिए गए हैं कि वे आवेदन की अंतिम तिथि से पहले डेटा अपलोड की प्रक्रिया पूरी करें।
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विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की भागीदारी
मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखनाथ विश्वविद्यालय और आयुष विश्वविद्यालय समेत इनके अधीन 159 कॉलेजों के छात्र भी योजना का लाभ पाएंगे।
ऑनलाइन प्रक्रिया और तकनीकी सहायता
जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बताया कि आवेदन पूरी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी है। हेल्प डेस्क के माध्यम से छात्रों को तकनीकी सहायता दी जा रही है। मुख्य विकास अधिकारी शाश्वत त्रिपुरारी ने बताया कि विकास खंड स्तर पर मॉनिटरिंग सेल बनाए गए हैं, जो नियमित रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेज रहे हैं।
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अंतिम संदेश
बैठक में जिले के सभी विद्यालयों और महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य उपस्थित रहे। प्रमुख सचिव ने बैठक के अंत में कहा — “सरकार की मंशा स्पष्ट है — हर पात्र छात्र को उसका अधिकार मिले, और कोई भी संस्था इस कार्य में कोताही न बरते।”

