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गोरखपुर: ‘समाधान दिवस’ पर गुहार, मगर न्याय दूर! विधवा की फरियाद ने कर दी आंखे नम

गोरखपुर के खजनी थाना परिसर में ‘समाधान दिवस’ का आयोजन किया गया। पढिये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Nidhi Kushwaha
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गोरखपुर: ‘समाधान दिवस’ पर गुहार, मगर न्याय दूर! विधवा की फरियाद ने कर दी आंखे नम

गोरखपुर: जनपद के खजनी में शनिवार को खजनी थाना परिसर में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस में एक विधवा महिला की करुण पुकार ने सभी का दिल दहला दिया। थानाध्यक्ष अनूप सिंह, राजस्व निरीक्षक और लेखपाल की मौजूदगी में शुरू हुआ यह कार्यक्रम दोपहर 12 बजे तहसीलदार के पहुंचते ही शिकायतों की बाढ़ में डूब गया।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार जमीन विवाद, फर्जी बैनामा और अवैध कब्जे की शिकायतों के बीच एक विधवा की फरियाद ने माहौल को और भी गमगीन कर दिया।

विधवा की मार्मिक गुहार

न्याय की आस लिए थाने पहुंची विधवा महिला ने बताया कि उसकी जमीन को फर्जी बैनामा के जरिए हड़प लिया गया। उसने डाइनामाइट न्यूज को बताया, “मेरे पति अब इस दुनिया में नहीं हैं। मेरे ससुर बाबूलाल कन्नौजिया को धोखे में रखकर सोनू कन्नौजिया ने अपनी पत्नी प्रियंका देवी के नाम फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन का बैनामा करवा लिया। जब इंतखाप की जांच की, तो मेरे होश उड़ गए।” दस्तावेजों के अनुसार, 27 मई को यह फर्जी रजिस्ट्री कराई गई। पिछले एक महीने से वह तहसील का चक्कर काट रही है, लेकिन तहसील में प्राइवेट मुंशी के रूप में कार्यरत आरोपी का रसूख इतना है कि उसकी सुनवाई कहीं नहीं हो रही। हारकर उसने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज की, जिसके बाद उसे समाधान दिवस में बुलाया गया। जिसपर थानाध्यक्ष अनूप सिंह गम्भीर हुए एसएसआई को जांच कर मुकदमा जिखने के लिए आदेश दिए।

तहसील में दलालों का बोलबाला

महिला ने आरोप लगाया कि तहसील में दलाल और प्राइवेट मुंशियों का राज चलता है। रसूखदारों की सांठगांठ के चलते असली हकदारों को दर-दर भटकना पड़ रहा है। समाधान दिवस में आए दर्जनों अन्य पीड़ितों ने भी यही दर्द बयां किया। जमीन विवाद, फर्जी रजिस्ट्री और अवैध कब्जे की शिकायतों का अंबार लगा है, लेकिन कार्रवाई ठंडे बस्ते में पड़ी है। कुछ ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर समय पर न्याय नही मिला।

प्रशासन का आश्वासन, लेकिन क्या होगा इंसाफ?

थानाध्यक्ष अनूप सिंह ने भरोसा दिलाया कि गंभीर मामलों की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। तहसीलदार ने भी राजस्व टीम को त्वरित छानबीन और रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। लेकिन, विधवा महिला की आंसुओं से भरी आंखें और टूटता विश्वास सवाल उठा रहे हैं—क्या यह समाधान दिवस वाकई समाधान लाएगा, या फिर यह भी एक औपचारिकता बनकर रह जाएगा?

न्याय की आस में टिकी निगाहें

रोते-बिलखते हुए विधवा ने कहा, “हमारी जमीन हमें वापस दिला दीजिए। मेरे पास अब और कोई सहारा नहीं है।” उसकी गुहार और अन्य पीड़ितों की शिकायतें अब प्रशासन के सामने एक चुनौती हैं। क्या इस बार खजनी तहसील में रसूखदारों का जाल टूटेगा और पीड़ितों को इंसाफ मिलेगा? यह सवाल हर उस शख्स के मन में है, जो समाधान दिवस में उम्मीद लेकर पहुंचा था।

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