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महराजगंज में कृषक गोष्ठी का आयोजन, जानें कैसे बढ़ाएं किसान उत्पादन

नगरपालिका सिसवा कस्बे के वार्ड नम्बर 16 सरदार पटेल नगर के सबयां में स्थित हट्ठी माई कोल्ड स्टोरेज परिसर में रविवार को एक किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र बसुली के कृषि वैज्ञानिक विजय चंद्रा ने किसानों को सलाह दी कि वे केवल एक ही फसल पर निर्भर न रहें. उन्होंने गन्ना, मक्का और दलहनी फसलों के साथ आलू की मिश्रित खेती करने का सुझाव दिया. इससे न केवल फसल का उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि जैविक उर्वरकों के इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहेगी।
Post Published By: Rohit Goyal
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महराजगंज में कृषक गोष्ठी का आयोजन, जानें कैसे बढ़ाएं किसान उत्पादन

Maharajganj: नगरपालिका सिसवा कस्बे के वार्ड नम्बर 16 सरदार पटेल नगर के सबयां में स्थित हट्ठी माई कोल्ड स्टोरेज परिसर में रविवार को एक किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य किसानों को आलू की खेती के उन्नत तरीकों और मिश्रित खेती के लाभों के बारे में जानकारी देना था।ताकि वे अपनी आय बढ़ा सकें।

इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र बसुली के कृषि वैज्ञानिक विजय चंद्रा ने किसानों को सलाह दी कि वे केवल एक ही फसल पर निर्भर न रहें। उन्होंने गन्ना, मक्का और दलहनी फसलों के साथ आलू की मिश्रित खेती करने का सुझाव दिया। इससे न केवल फसल का उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि जैविक उर्वरकों के इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहेगी।

नई तकनीकों और बीजों की जानकारी

पूर्व प्रधानाचार्य रामप्यारे पांडेय ने किसानों को आलू की खेती की नई तकनीकों और अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि आलू की विभिन्न किस्मों को उगाकर किसान अपनी आय में काफी वृद्धि कर सकते हैं। वही पूर्व ब्लॉक प्रमुख कैप्टन मानवेंद्र सिंह ने किसानों को उनके क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के अनुरूप फसलों का चयन करने के लिए मार्गदर्शन दिया। गोष्ठी में प्रगतिशील किसानों जितेंद्र बहादुर उर्फ नथुनी सिंह, सुधीर सिंह, रामचंद्र जायसवाल सहित अन्य कई किसानों ने भी अपने अनुभव साझा किए और अन्य किसानों को आलू की खेती के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम का संचालन मदन पाण्डेय ने किया। इस दौरान अवनींद्र सिंह, हरिशंकर सिंह, राजेश सिंह, भोरिक यादव, याकूब अली रायनी, फणेन्द्र सिंह, रविंद्र गुप्ता, मोहन सिंह, राजदेव यादव, अली हुसैन, आशुतोष सिंह सहित अन्य कृषक उपस्थित रहे। इस गोष्ठी से यह स्पष्ट हुआ कि अगर किसान सही जानकारी और तकनीक का इस्तेमाल करें, तो आलू की खेती उनके लिए मुनाफे का सौदा साबित हो सकती हैं।

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