भले ही दावा किया जा रहा हो कि गौवंशों को गौशाला ले जाया जा रहा था, लेकिन सवाल यह है कि बिना किसी सुरक्षा और व्यवस्था के गौवंशों को रातों-रात ट्रैक्टर-ट्रालियों में ठूंसकर क्यों ले जाया जा रहा था। ट्रालियों में मृत पाए गए गौवंशों की जिम्मेदारी आखिर किसकी है?

बदायूं में ट्रैक्टर-ट्रालियों में भरे दर्जनों गौवंश पकड़े
Budaun: बदायूं के दातागंज क्षेत्र में गौ रक्षक दल ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एक दर्जन से अधिक ट्रैक्टर-ट्रालियों में भरे गौवंशों को पकड़ा है। ट्रैक्टर-ट्रालियों में बेरहमी से ठूंसे गए कई गौवंश मृत पाए गए हैं। गौवंशों को कहां और किस उद्देश्य से ले जाया जा रहा था, इसकी कोई स्पष्ट जानकारी अब तक सामने नहीं आई है। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और सभी ट्रैक्टर-ट्रालियों को कब्जे में लेकर कानूनी कार्रवाई में जुट गई है।
मामला दातागंज कोतवाली क्षेत्र के गलौठी गांव का है। गौ रक्षा दल के सदस्यों का आरोप है कि निराश्रित गौवंशों को ब्राह्मी के साथ एक दर्जन से अधिक ट्रैक्टर-ट्रालियों में भरकर ले जाया जा रहा था। जब गौ रक्षा दल ने इस बारे में जानकारी लेनी चाही तो ट्रैक्टर चालक ट्रालियों को लेकर भागने लगे।
ग्रामीणों की मदद से गौ रक्षा दल ने 10 ट्रैक्टर-ट्रालियों को मौके पर ही पकड़ लिया, जबकि कुछ ट्रैक्टर-ट्रालियां अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गईं। पकड़ी गई ट्रालियों में मौजूद कई गौवंश मृत अवस्था में पाए गए। गौ रक्षा दल ने तत्काल इस पूरे मामले की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और कार्रवाई शुरू की।
गौ रक्षा दल सदस्य चंद्र मोहन पाठक ने बताया, “प्रदेश सरकार गौवंश संरक्षण की बात करती है, लेकिन यहां गौवंशों को बेरहमी से ट्रैक्टर-ट्रालियों में भरकर ले जाया जा रहा था। कई गौवंशों की मौत हो चुकी है। हम मांग करते हैं कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।”
मामले में पकड़े गए एक ट्रैक्टर चालक वीरपाल ने बताया कि गौवंशों को ओमपाल नाम के व्यक्ति द्वारा भेजा गया था। चालक के अनुसार कहा गया था कि गौवंशों को गर्भवती स्थिति में गौशाला ले जाया जा रहा है। प्रत्येक ट्रैक्टर को एक-एक हजार रुपये किराए के रूप में दिए गए थे। चालक ने बताया कि ओमपाल, प्रधान का पुत्र बताया जा रहा है। हालांकि गौवंशों की मौत कैसे हुई, इस बारे में चालक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे सका।