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गौ-तस्करी का पर्दाफाश: सोनभद्र में अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़; पढ़ें पूरा मामला

यूपी और बिहार के सीमावर्ती जिलों में गौ-तस्करी की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। पशु तस्कर अक्सर गांवों से गोवंश चुराकर उन्हें काटने के लिए दूसरे राज्यों में भेज देते हैं। इस पूरे अवैध धंधे में स्थानीय मददगारों की भूमिका अहम होती है।
Post Published By: Asmita Patel
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गौ-तस्करी का पर्दाफाश: सोनभद्र में अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़; पढ़ें पूरा मामला

Sonbhadra: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में गौ-तस्करी के खिलाफ एक बड़ी कामयाबी पुलिस के हाथ लगी है। रायपुर थाना पुलिस ने आज शुक्रवार की सुबह एक बोलेरो पिकअप को रोककर जांच की, जिसमें छह गोवंश (बछड़े) बरामद किए गए। पुलिस ने मौके से तीन तस्करों को गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ में पूरे गिरोह के बारे में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

इस कार्रवाई में पुलिस ने जिस वाहन को पकड़ा, वह बोलेरो पिकअप (नंबर UP 64 AT 6082) था। यह वाहन दीपा पहाड़ी गांव से दरमा होते हुए अधौरा, बिहार की ओर जा रहा था। इस पर संदेह होने पर पुलिस ने उसे रोका और जब जांच की गई, तो वाहन में छह गोवंश बंधे हुए मिले, जिन्हें वध के लिए अवैध रूप से बिहार ले जाया जा रहा था।

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गिरफ्तार आरोपियों में कौन-कौन शामिल?

पुलिस ने मौके से साहबान अंसारी, गोविंद विश्वकर्मा और शिवाजी पुत्र दिवाकर को गिरफ्तार किया है। तीनों आरोपियों से जब पुलिस ने पूछताछ की, तो इस अवैध गौ-तस्करी रैकेट के मास्टरमाइंड का नाम सामने आया- रामबली, निवासी ग्राम भुसौलिया, थाना रायपुर, जिला सोनभद्र।

साहबान अंसारी ने बताया कि रामबली इस पूरे तस्करी नेटवर्क का संचालन करता है। वह अलग-अलग गांवों और स्थानों से बछड़े एकत्र करता है और फिर उन्हें बिहार ले जाकर वध के लिए बेच दिया जाता है।

तस्करी में तकनीकी मदद भी शामिल

इस मामले में एक और आरोपी का नाम सामने आया है- विपिन उर्फ मुलायम सिंह, जो रास्ते की लोकेशन और सुरक्षा से संबंधित जानकारी तस्करों को देता था। यानी, यह गिरोह न केवल गोवंश की तस्करी कर रहा था, बल्कि पूर्व नियोजित रणनीति के तहत पुलिस से बचने के लिए नेटवर्किंग और निगरानी का भी इस्तेमाल कर रहा था।

पुलिस की सक्रियता से पकड़े गए तस्कर

इस पूरी कार्रवाई को पुलिस अधीक्षक सोनभद्र अभिषेक वर्मा के निर्देशन में, अपर पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन और क्षेत्राधिकारी सदर के पर्यवेक्षण में अंजाम दिया गया। रायपुर थाना पुलिस की टीम ने अपनी तत्परता और सूझबूझ से न केवल गौ-तस्करों को दबोच लिया, बल्कि छह मासूम गोवंशों की जान भी बचाई।

पुलिस द्वारा बरामद गोवंशों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है, जबकि गिरफ्तार तस्करों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही इस पूरे नेटवर्क से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।

गौ-तस्करी बन रही है बड़ा खतरा

उत्तर प्रदेश और बिहार के सीमावर्ती जिलों में गौ-तस्करी की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। पशु तस्कर अक्सर गांवों से गोवंश चुराकर या खरीदकर उन्हें काटने के लिए दूसरे राज्यों में भेज देते हैं। इस पूरे अवैध धंधे में स्थानीय मददगारों की भूमिका भी अहम होती है। ऐसे में पुलिस की यह कार्रवाई तस्करी की कमर तोड़ने में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

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जांच जारी, अन्य आरोपी होंगे गिरफ्तार

पुलिस का कहना है कि मामले की जांच गहराई से की जा रही है और जल्द ही इस अंतरराज्यीय गिरोह से जुड़े अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया जाएगा। रामबली और विपिन उर्फ मुलायम सिंह की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं।

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