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करोड़ों के मिनी स्टेडियम में भ्रष्टाचार की पोल खुली, बदहाली का हो रहा शिकार, सीडीओ से शिकायत

महराजगंज में बना मिनी स्टेडियम भ्रष्टाचार और उपेक्षा का शिकार हो रहा है। अधूरे निर्माण और खराब हालत ने ग्रामीणों में रोष पैदा कर दिया है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट
Post Published By: Nidhi Kushwaha
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करोड़ों के मिनी स्टेडियम में भ्रष्टाचार की पोल खुली, बदहाली का हो रहा शिकार, सीडीओ से शिकायत

Maharajganj: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जनपद के धानी विकासखंड के कोइलाडाड़ गांव में करोड़ों रुपये की लागत से बना मिनी स्टेडियम आज बदहाली और उपेक्षा का शिकार बना हुआ है। ग्रामीणों की मानें तो इस स्टेडियम को खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार कराया गया था, लेकिन यह महज एक शोपीस बनकर रह गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ के साथ बातचीत में स्थानीय लोगों ने बताया कि निर्माण के नाम पर करोड़ों रुपये तो खर्च कर दिए गए हैं लेकिन काम अधूरा छोड़ दिया गया है। स्टेडियम परिसर में जगह-जगह कूड़ा करकट बिखरा पड़ा है, दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ चुकी हैं जो कभी भी हादसे को दावत दे सकती हैं। शौचालय और बाथरूम भी अधूरे बने हुए हैं।

मुख्य विकास अधिकारी से की शिकायत

ग्रामीणों ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी से मिलकर शिकायत भी दर्ज कराई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ऐसे में युवाओं को ना तो खेल अभ्यास की सुविधा मिल पा रही है और ना ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। इसके कारण स्थानीय खिलाड़ियों की काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

युवाओं ने बयां किया दर्द

वहीं स्थानीय युवाओं का कहना है कि सरकार खेल को बढ़ावा देने के बड़े-बड़े दावे और भाषण तो देती है लेकिन जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। करोड़ों की लागत से बना यह मिनी स्टेडियम भ्रष्टाचार और अनदेखी की भेंट चढ़ गया है। इसमें पानी भर हुआ रहता है जिसमें बच्चों के गिरने का भी डर बना रहता है। दरअसल, प्रशासन की इस अनदेखी के कारण ये मिनी स्टेडियम जिस उद्देश्य से बनाया गया था वो पूरा नहीं हो पा रहा। ग्रामीणों की मांग है कि जल्द से जल्द कोई ठोस कार्रवाई की जाए ताकि स्थानीय युवा इस स्टेडियम का सही से लाभ उठा सकें।

खेल नीति पर उठे सवाल

इस उपेक्षा भरी स्थिति ने ग्रामीण इलाकों में खेल सुविधाओं को लेकर सरकार की मंशा और खेल नीति पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन ग्रामीणों की शिकायत पर कब तक कोई ठोस कार्यवाही करता है या फिर यह मिनी स्टेडियम इसी तरह खंडहर बनकर रह जाएगा।

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