लखनऊः उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कछुओं की अवैध तस्करी करने वाले गिरोह को गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि यह गिरोह काकोरी थाना क्षेत्र अंतर्गत यरथीपुर गांव में पकड़ा गया। इस दौरान एसटीएफ ने गिरोह के एक सदस्य को 102 कछुओं के साथ गिरफ्तार किया।
अभियुक्त की हुई पहचान
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अभियुक्त की पहचान पिंकू पुत्र लोली निवासी हरौनी थाना बंथरा के रूप में हुई है। बता दें कि एसटीएफ की टीम को अभियुक्त के पास से 102 कछुए (इंडियन रुफ्ड टर्टल), एक मोटरसाइकिल, एक मोबाइल फोन, आधार कार्ड. पैन कार्ड और 1770 रुपए नगद बरामद हुए।
शुक्रवार देर रात पकड़ा गया अभियुक्त
एसटीएफ की टीम ने शुक्रवार देर रात करीब 9 बजकर पांच मिनट में अभियुक्त को बनी-हरौनी मार्ग निकट ग्राम लतीफपुर थाना बंथरा में छापा मारकर पकड़ा। बता दें कि इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य के कई जिलों में दुर्लभ और संरक्षित प्रजातियों के कछुओं की तस्करी का काम हो रहा है, जिसका जाल अंतरराष्ट्रीय बाजार तक फैला हुआ है। यही नहीं इस गिरोह के संबंध म्यांमार, चीन, हांगकांग, बांग्लादेश और मलेशिया तक जुड़े हुए हैं, जहां इन कछुओं की भारी मांग है।
कई दिनों से मिल रही थी सूचना
काफी दिनों से एसटीएफ को कछुए तस्करी करने वाले गिरोह की सूचना मिल रही थी, जिसके आधार पर एसटीएफ ने अंत में जाकर छानबीन का फैसला लिया और टीम को कार्यवाही के निर्देश दिए। इस दौरान पुलिस उपाधीक्षक दीपक कुमार सिंह को पता चला कि जनपद लखीमपुर, बहराइच, सीतापुर, उन्नाव आदि जनपदों में बड़े स्तर पर कछुआ तस्करी का कार्य हो रहा है। यह भी जानकारी हुई कि ऐसे व्यापारी माल बेचने के लिए पश्चिम बंगाल के व्यापारियों के संपर्क में रहते हैं जहां से यह माल बंग्लादेश और म्यांमार के रास्ते चीन, हांगकांग, मलेशिया आदि देशो में भेजा जाता है।
उप निरीक्षक हरीश सिंह चौहान के नेतृत्व में हुई छानबीन
बता दें कि उप निरीक्षक हरीश सिंह चौहान के नेतृत्व में एसटीएफ टीम ने जनपद लखनऊ में भ्रमणशील किया। इस दौरान यह खुलासा हुआ कि कुछ तस्कर भारी मात्रा में कछुओं की तस्करी हेतु लखनऊ और आस-पास के क्षेत्रों में स्थानीय तस्करों के साथ मिलकर उनसे कछुए लेकर बिहार व पश्चिम बंगाल जाने वाले है। सूचमा मिलते ने बाद एसटीएफ वन विभाग की टीम को साथ मिलकर छानबीन की और एक अभियुक्त को गिरफ्तार किया।
अभियुक्त ने पूछताछ में बताया सारा सच
पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्त ने बताया कि वह जनपद लखनऊ के आस पास के जनपदों के तालाबों एवं नदियों से स्थानीय कछुआ तस्करों के माध्यम से कछुए इकट्ठा करता है, इसके पश्चात उन कछुओं की बिहार और पश्चिम बंगाल में सप्लाई करता है। अभियुक्त के खिलाफ वन रेंज सरोजनीनगर अवध वन प्रभाग, लखनऊ में धारा 02,09,39, 48, 49 (बी), 50, 51, 57, 52 (क). 57 वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत मुकदम दर्जा हुआ है। आवश्यक विधिक कार्यवाही वन रेंज सरोजनीनगर अवध वन प्रभाग, लखनऊ द्वारा की जायेगी।
यूपी में पाए जाते हैं 15 प्रजातियों के कछुए
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो भारत सरकार की पहल पर एसटीएफ ने पिछले कई वर्षों से उत्तर प्रदेश में कछुओं की तस्करी पर प्रभावी कार्यवाही की है। भारत में कछुओं की पाई जाने वाली 29 प्रजातियों में 15 प्रजातियां उत्तर प्रदेश में पाई जाती है। इनमें 11 प्रजातियों का अवैध व्यापार किया जाता है। यह अवैध व्यापार जीवित कछुओ के माँस अथवा पालने अथवा कछुओं की कैलिपी (झिल्ली) को सुखा कर शक्तिवर्धक दवाओं के लिए किया जाता है।
बताते चलें कि कछुओं को मुलायम कवच (Soft Shell) और कठोर कवच (hard Shell) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। यमुना, चम्बल, गंगा, गोमती, घाघरा, गण्डक आदि नदियों, उनकी सहायक नदियों, तालाबों, आदि में यह दोनों प्रकार के कछुए बहुतायत में पाए जाते हैं।