Balrampur (Uttar Pradesh): जिले में लंबे समय से आपराधिक गतिविधियों में लिप्त एक कुख्यात अपराधी को न्यायालय ने कड़ी सजा सुनाई है। बलरामपुर जनपद में चिन्हित टॉप-10 अपराधियों में शामिल सुनील कुमार को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट की अदालत ने 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाते हुए 13,000 रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है। यह फैसला 2019 में दर्ज नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में सुनाया गया।
घटना का विवरण
मामला 11 मई 2019 का है, जब कोतवाली उतरौला क्षेत्र में रहने वाले एक पीड़ित परिवार ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि उनकी नाबालिग पुत्री को सुनील कुमार पुत्र मेहीलाल बहला-फुसलाकर भगा ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़ित परिवार की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी।
प्रभावी विवेचना और सख्त पैरवी
मामले की विवेचना निरीक्षक संभू सिंह ने की, जिनके द्वारा एक सशक्त आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। इसके बाद ऑपरेशन कनविक्शन के तहत पुलिस ने मामले की पैनी निगरानी रखी और प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की गई।
दालत ने आरोपी को कठोर सजा सुनाई
पैरवी का नेतृत्व पैरवी मॉनिटरिंग सेल के नोडल अधिकारी अपर पुलिस अधीक्षक विशाल पांडेय ने किया। वहीं, विशेष लोक अभियोजक पवन कुमार वर्मा, प्रभारी मॉनिटरिंग सेल ओम प्रकाश चौहान और कोतवाली उतरौला पुलिस की समन्वित टीम ने न्यायालय में प्रभावशाली दलीलें पेश कीं। इन सभी के सामूहिक प्रयासों के फलस्वरूप, विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट की अदालत ने आरोपी को कठोर सजा सुनाई।
अभियुक्त की आपराधिक पृष्ठभूमि
एसपी विकास कुमार ने बताया कि सुनील कुमार बलरामपुर जिले का चिन्हित टॉप टेन अपराधी है। उस पर पहले से ही कई गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें चोरी, दुष्कर्म, आर्म्स एक्ट और जानलेवा हमला जैसे अपराध शामिल हैं।एसपी ने यह भी बताया कि जिले में कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाने और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए ‘ऑपरेशन कनविक्शन’ अभियान के तहत पुलिस सख्ती से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि यह सजा न केवल पीड़िता को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि जिले के अन्य अपराधियों के लिए भी कड़ा संदेश है।