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गोरखपुर में बालश्रम के खिलाफ एएचटीयू का सख्त एक्शन, तीन नाबालिग बच्चों को कराया गया रेस्क्यू

गोरखपुर में बाल अपराध एवं मानव तस्करी रोकथाम इकाई (AHTU) ने बालश्रम के खिलाफ विशेष अभियान चलाया। कैन्ट और रामगढ़ताल क्षेत्र में चेकिंग के दौरान तीन नाबालिग बच्चों को काम करते पकड़ा गया। उन्हें रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर भेजा गया और परिजनों की काउंसलिंग कर बालश्रम के दुष्परिणाम समझाए गए। एसएसपी राज करन नय्यर ने अपील की कि समाज ऐसे मामलों की सूचना पुलिस को दे। यह कार्रवाई न केवल कानूनी पहल है, बल्कि समाज को बच्चों के अधिकारों के प्रति जागरूक करने की दिशा में भी एक अहम कदम है।
Post Published By: Mayank Tawer
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गोरखपुर में बालश्रम के खिलाफ एएचटीयू का सख्त एक्शन, तीन नाबालिग बच्चों को कराया गया रेस्क्यू

Gorakhpur News: गोरखपुर में बच्चों के शोषण, बालश्रम और बाल भिक्षावृत्ति जैसी सामाजिक बुराइयों पर नकेल कसने के लिए पुलिस ने एक बार फिर सख्त रुख अपनाया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राज करन नय्यर के निर्देश और पुलिस अधीक्षक (अपराध) के पर्यवेक्षण में बाल अपराध एवं मानव तस्करी रोकथाम इकाई (AHTU) ने जिले के विभिन्न क्षेत्रों में विशेष चेकिंग और जागरूकता अभियान चलाया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य था “बच्चों के शोषण पर रोक लगाना और उन्हें एक सुरक्षित व सम्मानजनक भविष्य देना।”

कई क्षेत्रों में की गई छापेमारी

अभियान के तहत थाना कैन्ट और रामगढ़ताल थाना क्षेत्र में स्थित वर्कशॉप, दुकानों, बस स्टैंड और सार्वजनिक स्थलों पर एएचटीयू की टीम ने कड़ी निगरानी और चेकिंग की। इस दौरान टीम को वी-पार्क के पास स्थित दो ठेले की दुकानों पर तीन नाबालिग बच्चे काम करते हुए मिले। यह मामला स्पष्ट रूप से बालश्रम (Child Labour) की श्रेणी में आता है। टीम ने तत्काल प्रभाव से बच्चों को रेस्क्यू किया और उन्हें सुरक्षित स्थान पर भेज दिया।

बच्चों के माता-पिता की हुई काउंसलिंग

रेस्क्यू के बाद पुलिस ने बच्चों के माता-पिता को एएचटीयू थाने बुलाया। वहां विशेष काउंसलिंग सत्र आयोजित किया गया, जिसमें उन्हें बालश्रम के दुष्परिणामों और बच्चों के संवैधानिक अधिकारों के बारे में विस्तार से बताया गया। पुलिस अधिकारियों ने समझाया कि:

मजदूरी के बजाय उन्हें स्कूल भेजा जाना चाहिए

काउंसलिंग के बाद रेस्क्यू किए गए सभी बच्चों को उनके माता-पिता के सुपुर्द कर दिया गया, इस शर्त के साथ कि वे उन्हें दोबारा किसी मजदूरी कार्य में नहीं लगाएंगे।

बालश्रम के खिलाफ सख्त संदेश

गोरखपुर पुलिस की यह कार्रवाई केवल कानूनी प्रवर्तन (law enforcement) तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसने समाज को एक स्पष्ट और सख्त संदेश दिया है कि:

“बचपन से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

एसएसपी राज करन नय्यर ने आम नागरिकों से अपील की कि यदि वे कहीं भी बालश्रम, बाल भिक्षावृत्ति, या बाल विवाह जैसे मामले देखें, तो तुरंत पुलिस को सूचना दें, ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके और बच्चों को उनके अधिकार मिल सकें।

सिर्फ कानूनी नहीं, सामाजिक लड़ाई भी

पुलिस प्रशासन का यह अभियान न केवल कानून का अनुपालन है, बल्कि यह एक सामाजिक चेतना का आंदोलन भी है। यह प्रयास न सिर्फ बच्चों को सुरक्षित बना रहा है, बल्कि समाज को बचपन की गरिमा और अधिकारों के प्रति संवेदनशील भी कर रहा है।

 

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