अहमदाबाद: गुरुवार सुबह अहमदाबाद एयरपोर्ट पर उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एयर इंडिया का एक विमान टेकऑफ के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, विमान के इंजन में तकनीकी खराबी बताई जा रही है। विमान में कुल 242 लोगों के होने का अनुमान लगाया जा रहा है। राहत की बात ये हैं कि, मौके पर सुरक्षा के बचाव कार्य शुरू करके फायर ब्रिगेड और अन्य आपात सेवाएं तुरंत पहुंचाई गई। वही आपको बता दें कि, यह कोई पहला मामला नहीं है, जब भारत में टेकऑफ के दौरान कोई विमान हादसे का शिकार हुआ हो। बीते सालों में ऐसे कई हादस हो चुके हैं। जहां उड़ान भरते वक्त तकनीकी खराबी या किसी की गलती की वजह से बड़ा हादसा हुआ हो।
ये हैं देश के कुछ मुख्य टेकऑफ हादसे
पटना एयरपोर्ट हादसा (2000): इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC 814 टेकऑफ के बाद तकनीकी खराबी के चलते पटना में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस हादसे में 60 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी।
मुंबई एयरपोर्ट रनवे हादसा (2010): जेट एयरवेज का विमान टेकऑफ करते समय रनवे से फिसल गया। हालांकि, इसमें कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन हादसा बेहद गंभीर था और रनवे पर सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े हुए।
मंगलुरु एयर इंडिया एक्सप्रेस हादसा (2020): दुबई से लौट रही फ्लाइट लैंडिंग के दौरान फिसल गई थी, लेकिन हादसे के दौरान टेक्निकल इश्यू और पायलट के निर्णय की भूमिका को लेकर लंबे समय तक जांच चली। इसमें 21 लोगों की जान चली गई थी।
टेकऑफ क्यों होता है भावुक?
विमान टेकऑफ के समय अधिकतम थ्रस्ट और पावर पर होता है। उस दौरान किसी भी तकनीकी खराबी, बर्ड हिट या पायलट की छोटी सी चूक भी बड़े हादसे को न्योता दे सकती है। टेकऑफ और लैंडिंग को एविएशन इंडस्ट्री में सबसे जोखिम भरे दो क्षण माना जाता है।
क्या कहती है DGCA?
DGCA और एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो हर हादसे के बाद डाटा रिकॉर्डर, फ्लाइट लॉग और मेंटेनेंस रिपोर्ट की जांच करते हैं। लेकिन कई बार हादसे के बाद ही सुरक्षा की खामियां उजागर होती हैं। अहमदाबाद हादसा एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि क्या भारत में एविएशन सुरक्षा मानकों को और मजबूत करने की ज़रूरत है?