मोरों के कारण खराब हो रही है कलिम्पोंग का ये प्रसिद्ध फसल
धन बहादुर तमांग दोपहर का भोजन कर रहा था, तभी उसे मोरों की आवाज सुनाई दी, जिसके बाद वह खाना छोड़कर गुलेल और कुछ कंकड़-पत्थर लेकर पहाड़ियों में अपने खेतों की ओर तुरंत दौड़ा, ताकि वह अपनी ‘डल्ले खुर्सानी’ की फसल को इन पक्षियों से बचा सके। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर