New Delhi: आधुनिक युग के युद्ध अब सिर्फ सैनिकों और टैंकों तक सीमित नहीं रहे। 21वीं सदी में ड्रोन तकनीक ने युद्ध की परिभाषा बदल दी है। ये मानव रहित हवाई वाहन (UAV) बिना पायलट के उड़ते हैं और दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमला कर सकते हैं। आज दुनिया के कई देश इन हाई-टेक ड्रोन का इस्तेमाल निगरानी, जासूसी और हमलों के लिए कर रहे हैं। जानिए कौन से ड्रोन हैं जिनसे बड़े-बड़े देशों के दुश्मनों के पसीने छूट जाते हैं।
MQ-9 Reaper (अमेरिका)
अमेरिका का MQ-9 Reaper ड्रोन आधुनिक युद्ध तकनीक का सबसे घातक उदाहरण है। इसे ‘डेथ फ्रॉम एबव’ यानी आसमान से मौत कहा जाता है। यह ड्रोन 50,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है और 1,800 किलोमीटर की रेंज रखता है। इसमें हेलफायर मिसाइल, लेजर-गाइडेड बम और स्मार्ट बम लगाए जा सकते हैं। अमेरिका ने इसका इस्तेमाल कई आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाने में किया है।
Bayraktar TB2 (तुर्की)
तुर्की का Bayraktar TB2 ड्रोन रूस-यूक्रेन युद्ध में चर्चा में आया। यह मीडियम अल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस ड्रोन है जो लगातार 27 घंटे तक उड़ान भर सकता है। इसमें हाई-डेफिनिशन कैमरे और माइक्रो स्मार्ट मिसाइलें लगी होती हैं जो लक्ष्य को कुछ सेकंड में खत्म कर देती हैं। सस्ती कीमत और आसान संचालन के कारण यह छोटे देशों के बीच भी लोकप्रिय है।
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Wing Loong II (चीन)
चीन का Wing Loong II ड्रोन अमेरिका के MQ-9 Reaper का जवाब माना जाता है। यह 4,000 किलोमीटर तक उड़ सकता है और 12 मिसाइलें ले जाने की क्षमता रखता है। इसे निगरानी और हमले दोनों मिशनों के लिए डिजाइन किया गया है। चीन ने इसे कई एशियाई और अफ्रीकी देशों को निर्यात भी किया है।
Heron TP (इजराइल)
इजराइल का Heron TP ड्रोन निगरानी और खुफिया अभियानों में बेहतरीन है। यह 36 घंटे तक उड़ सकता है और एक टन से ज्यादा हथियार ले जा सकता है। इसमें अत्याधुनिक सेंसर और रडार सिस्टम हैं जो इसे हर मौसम में ऑपरेट करने योग्य बनाते हैं। भारत सहित कई देशों की वायुसेना इसका इस्तेमाल करती है।
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KUB-BLA (रूस)
रूस का KUB-BLA एक सुसाइड ड्रोन है जो खुद को विस्फोटक बनाकर दुश्मन के लक्ष्य पर गिर जाता है। इसका आकार छोटा होता है जिससे इसे रडार पर पकड़ना मुश्किल होता है। रूस ने इसे यूक्रेन और सीरिया जैसे संघर्ष क्षेत्रों में कई बार इस्तेमाल किया है। इसकी सटीकता और मारक क्षमता के कारण इसे “फ्लाइंग बम” कहा जाता है।

