Android Safe Mode क्या है और फोन स्लो या हैंग होने पर इसका इस्तेमाल कब करना चाहिए? जानिए Safe Mode कैसे थर्ड पार्टी ऐप्स की समस्या पहचानने में मदद करता है और बिना फैक्ट्री रीसेट के फोन को ठीक करने का आसान तरीका।

Safe Mode इस्तेमाल कब करें (Img Source: Google)
New Delhi: आज के समय में लगभग हर एंड्रॉयड स्मार्टफोन में Safe Mode का विकल्प दिया जाता है, लेकिन ज्यादातर यूजर्स को इसके असली काम की जानकारी नहीं होती। जब फोन अचानक स्लो हो जाए, बार-बार हैंग करने लगे या अपने आप रीस्टार्ट होने लगे, तो लोग अक्सर हार्डवेयर खराब होने का शक करने लगते हैं। जबकि हकीकत में कई बार समस्या की जड़ सिर्फ कोई खराब या गलत तरीके से काम करने वाला ऐप होता है। ऐसे मामलों में Safe Mode बेहद काम का फीचर साबित होता है।
Safe Mode एंड्रॉयड का एक खास बूट मोड है, जिसमें फोन सिर्फ जरूरी सिस्टम ऐप्स और सर्विसेज के साथ ही स्टार्ट होता है। इस मोड में यूजर द्वारा डाउनलोड किए गए सभी थर्ड-पार्टी ऐप्स अपने आप अस्थायी रूप से बंद हो जाते हैं। इसका मकसद फोन को एक साफ और सुरक्षित सॉफ्टवेयर माहौल में चलाना होता है, ताकि यह समझा जा सके कि दिक्कत सिस्टम की वजह से है या किसी ऐप के कारण।
अगर आपका फोन Safe Mode में बिल्कुल ठीक और स्मूथ काम करता है, तो यह साफ संकेत होता है कि परेशानी किसी थर्ड-पार्टी ऐप में छिपी हुई है, न कि फोन के हार्डवेयर में।
जब भी आपका स्मार्टफोन अचानक बहुत ज्यादा स्लो हो जाए, स्क्रीन बार-बार फ्रीज होने लगे, ऐप्स अपने आप क्रैश होने लगें या नया ऐप इंस्टॉल करने के बाद फोन अजीब व्यवहार करने लगे, तब Safe Mode का इस्तेमाल करना समझदारी भरा कदम होता है।
इसके अलावा कई यूजर्स को यह शिकायत रहती है कि बैटरी बिना किसी वजह के बहुत तेजी से खत्म हो रही है। अक्सर इसकी वजह बैकग्राउंड में चल रहे ऐसे ऐप्स होते हैं, जो जरूरत से ज्यादा बैटरी और डेटा इस्तेमाल करते हैं। Safe Mode में जाकर आप आसानी से यह पहचान सकते हैं कि बैटरी ड्रेन की असली वजह क्या है।
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Safe Mode में फोन सीमित सुविधाओं के साथ चलता है। इसमें कॉल करना, मैसेज भेजना, सेटिंग्स का इस्तेमाल और जरूरी सिस्टम ऐप्स ही एक्टिव रहते हैं। सोशल मीडिया ऐप्स, गेम्स और बाकी डाउनलोड किए गए ऐप्स अपने आप बंद रहते हैं। इसी वजह से फोन का परफॉर्मेंस ज्यादा स्थिर नजर आता है और समस्या की पहचान करना आसान हो जाता है।
Safe Mode का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसके जरिए आप बिना Factory Reset किए ही फोन की समस्या का हल ढूंढ सकते हैं। अगर Safe Mode में फोन सही चलता है, तो आप एक-एक करके हाल ही में इंस्टॉल किए गए या संदिग्ध ऐप्स को अनइंस्टॉल करके देख सकते हैं। इससे न सिर्फ आपका जरूरी डेटा सुरक्षित रहता है, बल्कि फोन को दोबारा नॉर्मल मोड में लाने में भी कोई दिक्कत नहीं होती।
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Safe Mode को एंड्रॉयड यूजर्स के लिए एक भरोसेमंद ट्रबलशूटिंग टूल माना जाता है। यह आपको बिना किसी टेक्निकल मदद के खुद ही फोन की समस्या समझने और उसे ठीक करने का मौका देता है। अगर आप भी बार-बार फोन स्लो होने या हैंग होने की परेशानी झेल रहे हैं, तो हार्डवेयर को दोष देने से पहले एक बार Safe Mode जरूर ट्राय करें।
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