जानिये क्यों मनाया जाता है जन्माष्टमी का पर्व
जन्माष्टमी का त्योहार पूरे देश में हर साल भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को बड़े ही धूम धाम के साथ मनाया जाता है।
नई दिल्ली: जन्माष्टमी का त्योहार हर साल भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी यानि अगस्त महीने में मनाया जाता है। जन्माष्टमी से कई दिन पहले ही इसी तैयारियां खूब जोर-शोर से शुरू हो जाती हैं। लोगों के दिलों में इस त्यौहार को लेकर काफी उत्साह होता है। इस दिन लड्डू गोपाल को झूले में झुलाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है। मथुरा नगरी में जन्माष्टमी को काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
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जन्माष्टमी की तैयारियां जोरों पर
पौराणिक ग्रथों के अनुसार भगवान विष्णु ने इस धरती को पापियों के जुल्मों से मुक्त कराने के लिए भगवान कृष्ण के रूप में जन्म लिया था। श्रीकृष्ण ने माता देवकी की कोख से इस धरती पर अत्याचारी मामा कंस का विनाश करने के लिए मथुरा में अवतार लिया लेकिन उनका पालन पोषण माता यशोदा ने किया। श्रीकृष्ण बचपन से ही बहुत नटखट थे और उनकी कई सखियां थी। इस त्यौहार को देश-विदेश के लोग बहुत ही धूम-धाम और पूरी आस्था के साथ मनाते हैं।
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जन्माष्टमी व्रत रखने का महत्व
जन्माष्टमी के दिन बहुत सारे लोग व्रत भी रखते हैं। हिन्दू धर्म में इस दिन व्रत रखने का बहुत महत्व है। इस दिन अगर आप व्रत रखते हैं तो घर में सुख-समृधि आएगी और शांति बनी रहेगी।