कश्मीर में आतंकी हमले में शहीद जवानों के लिए ग्रामीणों ने आयोजित की विशेष शोक सभा

डीएन ब्यूरो

जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के एक गांव के निवासियों ने हाल में एक आतंकवादी हमले में शहीद हुए जवानों के लिए सोमवार को एक शोक सभा का आयोजन किया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

शहीद जवानों के लिए ग्रामीणों ने आयोजित की विशेष शोक सभा
शहीद जवानों के लिए ग्रामीणों ने आयोजित की विशेष शोक सभा


पुंछ: जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के एक गांव के निवासियों ने हाल में एक आतंकवादी हमले में शहीद हुए जवानों के लिए सोमवार को एक शोक सभा का आयोजन किया।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय राइफल्स इकाई द्वारा आयोजित इफ्तार के लिए अग्रिम इलाके के एक गांव में फलों और अन्य वस्तुओं को ले जा रहे ट्रक पर बृहस्पतिवार की शाम घात लगाकर हमला किया गया था, जिसमें सेना के पांच जवान शहीद हो गए और एक अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हो गया।

ग्रामीणों ने ईद-उल-फित्र का त्योहार भी सादगी से मनाया। शोक सभा पुंछ जिले में संगियोटे गांव में आयोजित की गई।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सामाजिक कार्यकर्ता अमीन खान ने बताया, “हमने संगियोटे के एक सामुदायिक हॉल में सैनिकों के शहीद होने के चौथे दिन विशेष शोक सभा का आयोजन किया, जहां हमारे गांव के साथ-साथ समीपवर्ती चंडियाल पंचायत के लोगों ने भी शहीदों के लिए विशेष प्रार्थना की।”

कई मुसलमान शोक की अवधि समाप्त करने के लिए चौथे दिन मृतकों के लिए विशेष प्रार्थना करते हैं। यह दिन हिंदू और सिख समुदाय के लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है।

खान ने कहा, “सैनिकों ने हमारी सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए और हम उन्हें कयामत तक याद रखेंगे। हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि कायरतापूर्ण हमले के दोषियों को सजा दी जाए।”

उन्होंने बताया कि वे शहीद हुए सैनिकों के परिवारों का दर्द महसूस करते हैं और इस प्रार्थना सभा के माध्यम से इस दर्द को बांटना चाहते हैं। यह शोक सभा पूरे दिन चलेगी।

अहमद ने बताया कि इस दर्द भरी घटना के बारे में जानने के बाद से पूरा गांव शोक में डूबा हुआ है। उन्होंने कहा, “हमारा गांव शोक में है क्योंकि हम अपने सैनिकों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध रखते हैं। हमने केवल ईद की नमाज अदा की और हमेशा की तरह त्योहार नहीं मनाया क्योंकि सैनिकों को खोना हमारा अपना नुकसान है।”

उन्होंने बताया, “हम भारतीय सैनिकों की बहादुरी को सलाम करते हैं और उनके तथा शहीद हुए सैनिकों के परिवारों के साथ खड़े हैं।”

एक अन्य ग्रामीण नसीब खान ने बताया कि सैनिकों को खोने के बाद उनका दिल खून के आंसू रो रहा है और वे चाहते हैं कि दोषियों की पहचान की जाए और उन्हें गिरफ्तार किया जाए।

उन्होंने बताया, “हम अपनी सेना का पूरा समर्थन करते हैं और क्षेत्र में आतंकवादियों को पैर जमाने नहीं देंगे।”










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