गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल ने कीं आदिवासियों के लिए ये घोषणाएं

अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि यदि उनकी पार्टी गुजरात में सत्ता में आती है तो राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में संविधान की पांचवीं अनुसूची और पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम को लागू किया जाएगा। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

Updated : 7 August 2022, 6:59 PM IST
google-preferred

बड़ोदरा: आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि यदि उनकी पार्टी गुजरात में सत्ता में आती है तो राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में संविधान की पांचवीं अनुसूची और पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम को लागू किया जाएगा।

यह भी पढ़ें: गुजरात के वेरावल में जनसभा को संबोधित करेंगे दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल

केजरीवाल ने यह भी गारंटी दी कि गुजरात की आदिवासी सलाहकार समिति का नेतृत्व मुख्यमंत्री के बजाय समुदाय के एक व्यक्ति द्वारा किया जाएगा।

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने गुजरात के अपने दौरे के दूसरे दिन वड़ोदरा में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही।

गुजरात में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होना है।

यह भी पढ़ें: सत्येन्द्र जैन की गिरफ्तारी पर अरविंद केजरीवाल ने तोड़ी चुप्पी, कहा- मामला पूरी तरह से फर्जी और राजनीति से प्रेरित

दरअसल, संविधान की पांचवीं अनुसूची अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण से संबंधी प्रावधानों से संबंधित है।

पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम, जिसे पेसा अधिनियम के नाम से भी जाना जाता है, को 1996 में संसद द्वारा अधिनियमित किया गया था।

पेसा अधिनियम के तहत देश के विभिन्न राज्यों को अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभाओं को मजबूत करने के लिए इस अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए नियम बनाने को कहा गया था।

केजरीवाल ने कहा, "हम संविधान की पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों को शब्दशः लागू करेंगे। हम पेसा अधिनियम को भी सख्ती से लागू करेंगे, जो कहता है कि कोई भी सरकार ग्राम सभा की सहमति के बिना आदिवासी क्षेत्र में कार्रवाई नहीं कर सकती।"

उन्होंने कहा, "एक आदिवासी सलाहकार समिति है। इसका काम आदिवासी क्षेत्रों के विकास की निगरानी करना है कि धनराशि का उपयोग कैसे करना है। कानून कहता है कि आदिवासी सलाहकार समिति का अध्यक्ष आदिवासी होना चाहिए जबकि गुजरात में मुख्यमंत्री इस समिति का नेतृत्व करते हैं। यह रोका जा सकता है।(भाषा) 

Published : 
  • 7 August 2022, 6:59 PM IST

Related News

No related posts found.