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UP News: शाहजहांपुर स्वास्थ्य विभाग में बड़ा घोटाला, जांच रिपोर्ट में हुए चौंकाने वाले खुलासे

यूपी के शाहजहांपुर में स्वास्थ्य विभाग में एक बड़े घोटाले का मामला सामने आया है। जहां 10 रुपये का पेन 95 रुपये में खरीदा गया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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UP News: शाहजहांपुर स्वास्थ्य विभाग में बड़ा घोटाला, जांच रिपोर्ट में हुए चौंकाने वाले खुलासे

शाहजहांपुर: जिले के स्वास्थ्य विभाग में एक बड़ा वित्तीय घोटाला उजागर हुआ है, जिसने पूरे प्रशासनिक तंत्र को हिलाकर रख दिया है। यह घोटाला जिले के पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके गौतम के कार्यकाल में हुआ था, जिसमें स्टेशनरी और मेडिकल उपकरणों की खरीद में भारी अनियमितता पाई गई है। इस अनियमितता का पहला संकेत जिला पंचायत अध्यक्ष के निरीक्षण के दौरान मिला था, जिसके बाद जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह के निर्देश पर चार सदस्यीय जांच समिति गठित की गई थी। इस समिति ने जांच कर अनियमितताओं की पुष्टि की।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। उदाहरण के लिए, जिस पेन की बाजार कीमत मात्र 10 रुपये है, उसे 95 रुपये में खरीदा गया। कुल मिलाकर इस मद में साढ़े तीन लाख रुपये से अधिक का गबन किया गया। राइटिंग पैड और फोल्डर जैसी आम इस्तेमाल की वस्तुओं पर भी लाखों रुपये बेवजह खर्च किए गए। इतना ही नहीं, एक चार्ट पेपर 116 रुपये की दर से खरीदा गया, जबकि इसकी वास्तविक कीमत इससे कई गुना कम है।

इस खरीद में 4.25 लाख रुपये से अधिक का खर्च दिखाया गया। सबसे चौंकाने वाला आंकड़ा पेंसिल, इरेजर और शार्पनर जैसे स्टेशनरी आइटम पर खर्च का है, जिसका कुल बजट 19 लाख रुपये बताया जा रहा है। इन सभी आइटम की खरीद में बाजार मूल्य की पूरी तरह से अनदेखी की गई और सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया। जांच समिति की संस्तुतियों के आधार पर पूर्व सीएमओ के तीन साल के कार्यकाल की पूरी खरीद की विस्तृत जांच कराने की संस्तुति की गई है।

इसके अलावा उनके सेवानिवृत्त होने के बावजूद सेवा नियमों के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई करने की भी संस्तुति की गई है। जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने प्रमुख सचिव गृह को पत्र लिखकर डॉ. आरके गौतम के खिलाफ निलंबन और विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की है। यह मामला न सिर्फ सरकारी धन के दुरुपयोग का है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार का भी स्पष्ट उदाहरण है। अब देखना यह है कि दोषियों के खिलाफ क्या सख्त कदम उठाए जाते हैं।

 

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