Uniform Civil Code: शरद पवार ने यूसीसी पर सरकार को समर्थन देने के लिये रखीं ये शर्तें, मांगा स्पष्टीकरण, जानिये पूरा अपडेट

डीएन ब्यूरो

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार द्वारा कुछ चीजें स्पष्ट करने के बाद उनकी पार्टी समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर अपना रुख तय करेगी। इसके साथ ही, उन्होंने संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण लागू किए जाने पर जोर दिया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

राकांपा प्रमुख शरद पवार
राकांपा प्रमुख शरद पवार


पुणे: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि सरकार द्वारा कुछ चीजें स्पष्ट करने के बाद उनकी पार्टी समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर अपना रुख तय करेगी। इसके साथ ही, उन्होंने संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण लागू किए जाने पर जोर दिया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पवार ने अपनी बेटी और राकांपा सांसद सुप्रिया सुले सहित विभिन्न विपक्षी नेताओं को ‘‘निशाना’’ बनाए जाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना की और कहा कि ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री पटना में विपक्ष की हालिया बैठक से परेशान हैं।

प्रधानमंत्री द्वारा हाल ही में समान नागरिक संहिता की वकालत किए जाने का जिक्र करते हुए पवार ने यहां संवाददाताओं से कहा कि विधि आयोग को अब तक यूसीसी पर 900 से अधिक सुझाव मिले हैं।

राकांपा नेता ने कहा कि सिख, जैन और ईसाई जैसे समुदायों के रुख का पता लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें पता चला है कि सिख समुदाय का एक अलग नजरिया है।

पवार ने कहा, 'वे यूसीसी का समर्थन करने के इच्छुक नहीं हैं... इसलिए सिख समुदाय की राय पर गौर किये बिना यूसीसी पर फैसला करना उचित नहीं होगा।'

उन्होंने कहा कि यह भी संभव है कि ध्यान भटकाने के लिए यूसीसी का मुद्दा उठाया जा रहा हो क्योंकि जो लोग सत्ता में हैं, उनके प्रति नाराजगी है।

पवार ने कहा कि बुधवार को दिल्ली में राकांपा पदाधिकारियों की राष्ट्रीय स्तरीय बैठक में कुछ नेताओं ने कहा कि यूसीसी मुद्दा उठाने से पहले केंद्र को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने पर फैसला करना चाहिए।

उन्होंने कहा, 'जब मैं राज्य (महाराष्ट्र) का मुख्यमंत्री था, हमने स्थानीय निकाय चुनावों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया था। बाद में इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया। उसके बाद इस फैसले को राष्ट्रीय स्तर पर दोहराया गया। अब हम इस बात पर जोर देते हैं कि महिलाओं के लिए समान आरक्षण नीति विधानसभाओं और संसद में भी अपनाई जानी चाहिए।’’

पवार ने कहा, 'अगर मोदी जी इस पर आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं, तो कम संख्या बल होने के बावजूद हम उनके रुख का समर्थन करेंगे... इसके अलावा, हम अन्य राजनीतिक दलों के साथ भी चर्चा करेंगे। मैं उनके साथ चर्चा के लिए तैयार हूं और प्रयास करूंगा कि किस प्रकार उन्हें राजी किया जा सकता है।'

उन्होंने कहा कि भाजपा को यकीन नहीं है कि आगामी चुनाव में क्या होगा, इसलिए प्रधानमंत्री ने कुछ ऐसे बयान दिये जो उनके पद को शोभा नहीं देता।

राकांपा नेता ने कहा, ''उदाहरण के लिए, उन्होंने मेरी पार्टी के खिलाफ टिप्पणी की...उन्होंने कहा कि यदि आप (लोग) सुप्रिया सुले को आगे बढ़ाना चाहते हैं, तो आप राकांपा को वोट दे सकते हैं।''

पवार ने कहा कि सुले अपने दम पर तीन बार सांसद चुनी गईं और लोकसभा में अपने प्रदर्शन से सराहना हासिल की।

उन्होंने कहा, ‘‘सांसदों के प्रदर्शन का अध्ययन करने वाली एक संस्था ने सुले को आठ बार सम्मानित किया है, इसलिए प्रधानमंत्री जो कुछ भी कहें, लोग उन्हें (सुले को) वोट देते हैं। इसलिए प्रधानमंत्री का बयान उचित नहीं है और उन्हें किसी सांसद के खिलाफ ऐसा बयान नहीं देना चाहिए।'

पवार ने कहा कि विपक्षी दलों की पटना में हुई बैठक के समय मोदी अमेरिका में थे। उन्होंने कहा, ''ऐसा लगता है कि बैठक की जानकारी मिलने के बाद उनकी परेशानी बढ़ गई और उन्होंने निजी हमले शुरू कर दिए... विपक्ष की अगली बैठक 13 और 14 जुलाई को बेंगलुरु में होगी, जहां हम चर्चा करेंगे कि राज्यों में बढ़ती सांप्रदायिकता और चुनाव का सामना कैसे करें।”

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में महिलाओं की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है। उन्होंने कहा, ‘‘दिन-प्रतिदिन, महिलाओं पर हमले बढ़ रहे हैं... पिछले छह महीने में पुणे, ठाणे, मुंबई और सोलापुर शहरों से 2,458 लड़कियां और महिलाएं गुमशुदा हो गईं। अनावश्यक बयानबाजी के बदले, गृह मंत्री (देवेंद्र फडणवीस) को इन महिलाओं का पता लगाने और उन्हें उनके परिवारों से मिलाने की कोशिश करनी चाहिए।''










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