यूक्रेन ने संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव पर भारत का समर्थन मांगा

यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख आंद्रिये यरमाक ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से बात की और यूक्रेन में शांति स्थापना पर संयुक्त राष्ट्र मसौदा प्रस्ताव पर भारत का समर्थन मांगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत का सहयोग काफी महत्वपूर्ण है।

Updated : 22 February 2023, 4:43 PM IST
google-preferred

नयी दिल्ली: यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख आंद्रिये यरमाक ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से बात की और यूक्रेन में शांति स्थापना पर संयुक्त राष्ट्र मसौदा प्रस्ताव पर भारत का समर्थन मांगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत का सहयोग काफी महत्वपूर्ण है।

यूक्रेन के बयान के अनुसार, यरमाक ने टेलीफोन कॉल के दौरान डोभाल को दोनेत्स्क क्षेत्र के बखमुत शहर में बेहद कठिन रक्षा हालात सहित मोर्चे पर वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी।

यरमाक ने कहा, ‘‘ हमें मालूम है कि रूस कुछ आक्रामक कार्रवाई की तैयारी कर रहा है और हम इसका जवाब देने की तैयारी कर रहे हैं। रूसी सेना में उत्साह नहीं है जबकि यूक्रेन के योद्धा अभूतपूर्व बहादुरी और प्रतिरोध का प्रदर्शन कर रहे हैं। हम तब तक नहीं रूकेंगे जब तक कि हम अपने पूरे क्षेत्र को मुक्त नहीं करा लेते । हमें केवल हथियारों की जरूरत है।’’

यरमाक ने डोभाल को एक ऐसे समय में टेलीफोन कॉल किया है जब यूक्रेन में स्थायी शांति के रास्ते तलाशने के महत्व को रेखांकित करने वाले संयुक्त राष्ट्र के मसौदा प्रस्ताव पर इस सप्ताह मतदान होगा। यह मसौदा प्रस्ताव रूस के यूक्रेन पर हमले की शुरुआत के एक वर्ष पूरा होने पर लाया जा रहा है।

रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़े संयुक्त राष्ट्र में अधिकांश प्रस्तावों पर मतदान के दौरान भारत अनुपस्थित रहा है।

इस बीच, यरमाक ने कहा कि यूक्रेन युद्ध के मैदान में मुकाबला जारी रखेगा लेकिन इसके साथ ही एक शांति योजना का प्रस्ताव किया है। यह दस बिन्दुओं पर आधारित शांति फार्मूला है जिसमें उन सवालों का समग्र तरीके से जवाब दिया गया है कि युद्ध को न्यायोचित तरीके से समाप्त करने की दिशा में क्या कदम उठाये जाने चाहिए।

बयान के अनुसार, मसौदा प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों का समर्थन करता है जो यूक्रेनी शांति फार्मूले का आधार तैयार करता है। इस पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में 23 फरवरी को विचार किया जायेगा। यह दस्तावेज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य सीमा के दायरे में देशों की सम्प्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता के बुनियादी सिद्धांतों पर आधारित है।

यरमाक ने कहा कि यूक्रेन इस प्रस्ताव पर व्यापक संभव समर्थन प्राप्त करने में रूचि रखता है, खासतौर पर वैश्विक दक्षिण क्षेत्र से।

उन्होंने कहा, ‘‘ भारत के साथ सहयोग हमारे लिए महत्वपूर्ण है। हमारा मानना है कि आप इस प्रस्ताव का समर्थन करेंगे क्योंकि इसमें सीमाओं और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन नहीं करने का सही तरीके से उल्लेख किया गया है।’’

उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य स्पष्ट और पारदर्शी है। हम रूस की एक इंच भी जमीन नहीं चाहते, हम केवल अपना इलाका वापस चाहते हैं।

 

Published : 
  • 22 February 2023, 4:43 PM IST

Related News

No related posts found.