बच्चों से जुड़े दो-तिहाई एसडीजी प्राप्ति की दिशा से भटके : यूनिसेफ प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की प्रमुख कैथरीन एम रसेल ने कहा कि दुनिया भर में बच्चों से जुड़े दो-तिहाई सतत विकास लक्ष्य (एसजीडी) प्राप्ति की दिशा से भटक गए हैं और उन्हें हासिल करने में भारत की भूमिका अहम है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 8 October 2023, 12:17 PM IST

नयी दिल्ली:संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की प्रमुख कैथरीन एम रसेल ने कहा कि दुनिया भर में बच्चों से जुड़े दो-तिहाई सतत विकास लक्ष्य (एसजीडी) प्राप्ति की दिशा से भटक गए हैं और उन्हें हासिल करने में भारत की भूमिका अहम है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक रसेल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार के कहा कि भारत की आबादी और इसकी पहुंच इसे प्रगति की क्षमता प्रदान करती है, खासतौर पर वैश्विक मंच पर।

यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक ने कहा, ‘‘जब भारत इनमें से कुछ क्षेत्रों में प्रगति करना शुरू कर देगा, तो यह इतनी जल्दी बदलाव ला सकता है और इसका पूरी दुनिया पर गहरा असर पड़ सकता है।’’

एसडीजी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ये लक्ष्य दुनियाभर में पटरी से उतर गए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि बच्चों से संबंधित दो-तिहाई एसडीजी वहां नहीं पहुंच पाए हैं, जहां उन्हें होना चाहिए था। हकीकत यह है कि वैश्विक स्तर पर एसडीजी पटरी से उतर गए हैं।’’

दुनिया के सामने मौजूद सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने 2015 में 17 परस्पर जुड़े वैश्विक उद्देश्यों का एक समूह तैयार किया था, जिन्हें सतत विकास लक्ष्य कहा जाता है।

इन लक्ष्यों को आमतौर पर वैश्विक लक्ष्य कहा जाता है और इन्हें अधिक टिकाऊ, न्यायसंगत तथा सभी के लिए 2030 तक समृद्ध भविष्य के निर्माण की दिशा में वैश्विक प्रयासों के मार्गदर्शन के वास्ते तैयार किया गया है।

कई एसडीजी सीधे बच्चों को प्रभावित करते हैं, जैसे एसडीजी-2 (भूख समाप्ति) बाल कुपोषण और भूख को खत्म करने पर केंद्रित है, जबकि एसडीजी-3 (अच्छा स्वास्थ्य और कुशलक्षेम), जिसका उद्देश्य बाल मृत्यु दर को कम करना और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच सुनिश्चित करना है।

इसके अलावा, एसडीजी-4 (गुणवत्तापरक शिक्षा) सभी बच्चों के लिए समावेशी और समान शिक्षा के प्रावधान पर जोर देता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि उनके पास समृद्ध भविष्य के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान है।

 

Published : 
  • 8 October 2023, 12:17 PM IST

No related posts found.