विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मोजाम्बिक में अपने इस सफर को इस तरह बनाया यादगार

डीएन ब्यूरो

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने मोजाम्बिक दौरे के दौरान ‘मेड इन इंडिया’ (भारत में निर्मित) ट्रेन में सफर किया और देश में रेल नेटवर्क, इलेक्ट्रिक वाहनों व जलमार्ग संपर्क का दायरा बढ़ाने के मुद्दे पर वहां के परिवहन मंत्री के साथ व्यापक बातचीत की। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

जयशंकर ने मोजाम्बिक में भारत में निर्मित ट्रेन में सफर किया
जयशंकर ने मोजाम्बिक में भारत में निर्मित ट्रेन में सफर किया


मैपुटो: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने मोजाम्बिक दौरे के दौरान ‘मेड इन इंडिया’ (भारत में निर्मित) ट्रेन में सफर किया और देश में रेल नेटवर्क, इलेक्ट्रिक वाहनों व जलमार्ग संपर्क का दायरा बढ़ाने के मुद्दे पर वहां के परिवहन मंत्री के साथ व्यापक बातचीत की।

जयशंकर तीन दिवसीय दौरे पर बृहस्पतिवार को मोजाम्बिक की राजधानी मैपुटो पहुंचे और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के लिए इस अफ्रीकी देश की संसद के अध्यक्ष से मुलाकात की। जयशंकर मोजाम्बिक की आधिकारिक यात्रा पर जाने वाले भारत के पहले विदेश मंत्री हैं।

उन्होंने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, “मोजाम्बिक के परिवहन एवं संचार मंत्री और मोजाम्बिकन पोर्ट एंड रेल अथॉरिटी के चेयरमैन माटियस मगाला के साथ हरित परिवहन पर शानदार बातचीत। रेल नेटवर्क, इलेक्ट्रिक वाहनों व जलमार्ग संपर्क का दायरा बढ़ाने के मुद्दे पर चर्चा की। भारत इस संबंध में एक विश्वसनीय भागीदार है।”

विदेश मंत्री ने मोजाम्बिक में भारत में निर्मित एक ट्रेन में सफर करने की जानकारी भी दी।

उन्होंने ट्वीट किया, “मोजाम्बिक के परिवहन मंत्री माटियस मगाला के साथ एक ‘मेड इन इंडिया’ ट्रेन में मैपुटो से मछावा के बीच यात्रा की। इस यात्रा में शामिल होने के लिए राइट्स (रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस) के चेयरमैन राहुल मित्तल की सराहना करता हूं।”

जयशंकर ने मैपुटो में भारतीय समुदाय के लोगों से संवाद करने के साथ ही एक मंदिर में पूजा-अर्चना भी की।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जयशंकर ने ट्वीट किया, “मैपुटो में बृहस्पतिवार शाम श्री विश्वंभर महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना की। यहां भारतीय समुदाय के लोगों के साथ संवाद करके बहुत खुशी महसूस हो रही है।”

मोजाम्बिक से पहले जयशंकर युगांडा की यात्रा पर गए थे, जहां उन्होंने राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी सहित देश के शीर्ष नेतृत्व से व्यापार, बुनियादी ढांचा, ऊर्जा एवं रक्षा क्षेत्र में संभावित सहयोग पर चर्चा की।










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