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केजरीवाल के सरकारी आवास के सौंदर्यीकरण पर छिड़ी सियासी जंग अब भी जारी, भाजपा ने जमकर बोला हमला

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी निवास के ‘सौंदर्यीकरण’ में खुल्लम खुल्ला भ्रष्टाचार किये जाने का आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि उपराज्यपाल की छानबीन से बचने के लिए विभिन्न मदों में व्यय 10 करोड़ रुपये से नीचे रखा गया।
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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केजरीवाल के सरकारी आवास के सौंदर्यीकरण पर छिड़ी सियासी जंग अब भी जारी, भाजपा ने जमकर बोला हमला

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी निवास के ‘सौंदर्यीकरण’ में खुल्लम खुल्ला भ्रष्टाचार किये जाने का आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि उपराज्यपाल की छानबीन से बचने के लिए विभिन्न मदों में व्यय 10 करोड़ रुपये से नीचे रखा गया।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली सरकार के सामान्य वित्तीय नियमों के अनुसार 10 करोड़ रुपये या उससे अधिक की परियोजना से संबंधित फाइल उपराज्यपाल के पास भेजी जानी होती है जबकि विभागीय प्रमुख या मंत्री को उससे कम के व्यय को मंजूरी देने का अधिकार है।

उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल के बंगले के पुनर्निर्माण के विभिन्न चरणों में विभिन्न मदों में व्यय नौ करोड़ रुपये से अधिक था, लेकिन उसे जानबूझकर 10 करोड़ रुपये से नीचे रखा गया।

उन्होंने कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय पर व्यय 9.99 करोड़ रुपये था।’’

भाजपा प्रवक्ता ने सवाल किया, ‘‘ आपने बिल्कुल 9.99 करोड़ रुपये की राशि की गणना की क्षमता कहां से हासिल की…. चतुर गणना।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ यह खुल्लम खुल्ला भ्रष्टाचार का स्पष्ट मामला है। इससे आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार पर से पर्दा स्पष्ट रूप से हट जाता है।’’

भाजपा नेता ने कहा कि जिस तरह पूरे खर्च को अलग-अलग बांटा गया, उससे ‘गहरा संदेह’ पैदा होता है।

उन्होंने दावा किया कि केजरीवाल के आवास की साज-सज्जा के लिए एक करोड़ रुपये में एक परामर्श कंपनी नियुक्त की गयी।

उन्होंने मांग की, ‘‘ उन्हें बताना चाहिए कि परामर्शदाता कौन था। ’’ उन्होंने सवाल किया कि कहीं यह परामर्शदाता आप का ‘‘अपना आदमी’’ तो नहीं था।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा,‘‘ आप ने तो सारी सीमाएं लांघ दी…. केजरीवाल के सारे फर्जीवाड़े एवं झूठ सामने आ गये हैं। चाहे पर्दें हो या टाईल्स, या कारपेट या पंखे, उन्होंने हर चीज में शानोशौकत का ख्याल रखा। उन्हें लाखों रुपये के पंखे से ही हवा चाहिए और उन्हें करोड़ों रूपये का महल चाहिए।’’

जब त्रिवेदी से पूछा गया कि भाजपा इस मामले की किस तरह की जांच चाहती है तो उन्होंने कहा कि इस मुद्दे के तीन पहलु हैं- कानूनी, राजनीतिक और नैतिक।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम चाहते हैं और हम उनकी प्रतिक्रिया को बड़ी सावधानी एवं बारीकी से देखेंगे और उसकी के अनुरूप और उपयुक्त रूप से सरकार एवं उसकी एजेंसियां कार्रवाई करेगी।’’

केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा पर सरकारी निवास पर 45 करोड़ रुपये खर्च का मुद्दा उठाकर अहम मुद्दों से ध्यान बांटने का आरोप लगाया।

आप सांसद संजय सिंह ने बुधवार को कहा, ‘‘ कल से ही मुख्यमंत्री आवास का मुद्दा उठाकर पुलवामा हमला एवं अडाणी विवाद जैसे अहम मुद्दों से ध्यान बांटने की चेष्टा की जा रही है । यह सन् 1942 में 80 साल पुराना मकान था। छत टूटने की तीन घटनाएं हो चुकी हैं।’’

इस दावे पर पलटवार करते हुए भाजपा नेता त्रिवेदी ने कहा, ‘‘ यदि आप कह रहे हैं कि छत ठीक नहीं थी तो कौन सा तर्क है जिससे वियतनाम से आयातित टाईल्स और इतने महंगे पर्दे छत की मजबूती को बढा सकते हैं।’’

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