किसी भी राष्ट्र की यात्रा उसके समाज की यात्रा का ही एक दर्शन होती है: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि किसी भी राष्ट्र की यात्रा उसके समाज की यात्रा में परिलक्षित होती है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
भुज: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि किसी भी राष्ट्र की यात्रा उसके समाज की यात्रा में परिलक्षित होती है।
मोदी ने अखिल भारतीय कच्छ कड़वा पाटीदार समाज की 100वीं वर्षगांठ के मौके पर गुजरात के कच्छ जिले में भुज से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित नखतराना में एक सभा को वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।
उन्होंने कहा कि सैकड़ों वर्ष इस समाज पर विदेशी आक्रांताओं ने क्या-क्या अत्याचार नहीं किए लेकिन फिर भी समाज के पूर्वजों ने अपनी पहचान नहीं मिटने दी और ना ही अपनी आस्था को खंडित होने दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘सदियों पहले के त्याग और बलिदान का प्रभाव हम आज इस सफल समाज की वर्तमान पीढ़ी के रूप में देख रहे हैं।’’
उन्होंने पाटीदार समाज और अखिल भारतीय कच्छ कड़वा समाज के इतिहास को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘किसी भी राष्ट्र की यात्रा उसके समाज की यात्रा का ही एक दर्शन होती है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि सनातन सिर्फ एक शब्द नहीं है, ये नित्य नूतन है, परिवर्तनशील है और इसमें बीते हुए कल से खुद को और बेहतर बनाने की एक ‘अंतर्निहित चेष्टा’ है और इसलिए ‘सनातन अजर-अमर’ है।
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‘सनातन धर्म’ का उपयोग हिंदुओं द्वारा हिंदू धर्म को संदर्भित करने के लिए किया जाता है।
अपने राजनीतिक जीवन और पाटीदार समुदाय के साथ जुड़ाव को याद करते हुए मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कई विषयों पर कड़वा पाटीदार समाज के साथ काम करने के अनुभवों को याद किया।
उन्होंने कहा, ‘‘आपने पीढ़ी-दर-पीढ़ी, साल-दर-साल अपनी परम्पराओं का मान बढ़ाया है, सम्मान बढ़ाया है। इस समाज ने अपने वर्तमान का निर्माण किया, अपने भविष्य की नींव रखी।’’
उन्होंने कच्छ भूकंप का उल्लेख किया और राहत और पुनर्निर्माण प्रयासों में शामिल होने के लिए समुदाय की ताकत की सराहना की।
उन्होंने कहा कि कच्छ को देश के सबसे पिछड़े जिलों में से एक माना जाता है, जहां पानी की कमी, भुखमरी, जानवरों की मौत और पलायन के मुद्दे इसकी पहचान बन गए थे।
कच्छ के जल संकट को हल करने और इसे दुनिया के एक विशाल पर्यटन स्थल में बदलने के लिए किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘लेकिन बीते वर्षों में हमने साथ मिलकर कच्छ का कायाकल्प कर दिया है।’’
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उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि कच्छ आज देश के सबसे तेजी से विकसित होते जिलों में से एक है।
उन्होंने कहा, ‘‘कच्छ के संपर्क में सुधार हो रहा है। वहां बड़े-बड़े उद्योग आ रहे हैं। जिस कच्छ में कभी खेती के बारे में सोचना भी मुश्किल था, आज वहां से कृषि उत्पाद निर्यात हो रहे हैं और दुनिया में जा रहे हैं।’’
मोदी ने इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त की कि कड़वा पाटीदार समाज ने अगले 25 वर्षों के लिए दृष्टिकोण और संकल्प सामने रखे हैं जो देश की आजादी के 100 वर्ष पूरे होने पर साकार होंगे।
उन्होंने रेखांकित किया कि चाहे वह सामाजिक समरसता हो, पर्यावरण हो या प्राकृतिक खेती, ये सभी देश के अमृत संकल्प (2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य) से जुड़े हैं।
शारदा पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती और कच्छ के कड़वा पाटीदार समाज के नेता इस कार्यक्रम में मौजूद थे, जिसमें गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने डिजिटल तरीके तरीके से भाग लिया।