Uttarakhand: भारत-चीन सीमा पर बसे माणा गांव की बदल गयी पहचान, मिला भारत के प्रथम गांव का दर्जा

डीएन ब्यूरो

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत-चीन सीमा पर बसे सीमांत गांव माणा के प्रवेश द्वार पर 'भारत का प्रथम गांव' होने का साइन बोर्ड लगा दिया है।

भारत-चीन सीमा पर स्थित माणा गांव
भारत-चीन सीमा पर स्थित माणा गांव


देहरादून: सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत-चीन सीमा पर बसे सीमांत गांव माणा के प्रवेश द्वार पर 'भारत का प्रथम गांव' होने का साइन बोर्ड लगा दिया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा, ‘‘अब माणा देश का आखिरी नहीं बल्कि प्रथम गांव के रूप में जाना जाएगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमांत गांव माणा में उसे देश के प्रथम गांव के रूप में संबोधित किया था और हमारी सरकार सीमांत क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास हेतु सदैव समर्पित है।’’

इक्कीस अक्टूबर 2022 को माणा में आयोजित एक कार्यक्रम में मोदी ने मुख्यमंत्री द्वारा माणा को भारत का अंतिम गांव की बजाय देश का पहला गांव कहे जाने पर मुहर लगाते हुए कहा था कि अब तो उनके लिये भी सीमाओं पर बसा हर गांव देश का पहला गांव ही है।

उन्होंने कहा था, ‘‘पहले जिन इलाकों को देश के सीमाओं का अंत मानकर नजर अंदाज किया जाता था, हमने वहां से देश की समृद्धि का आरंभ मानकर शुरू किया। लोग माणा आएं, यहां डिजिटल प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया जा रहा है।’’

माणा गांव बदरीनाथ के पास स्थित है और बदरीनाथ दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालु पर्यटन के लिए माणा गांव तक जाते हैं।










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