Caste Census: सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को दिये निर्देश, कहा- जाति आधारित सर्वे के आंकड़े सार्वजनिक हों

डीएन संवाददाता

देश की सर्वोच्च अदालत ने मंगलवार को जाति आधारित सर्वे के आंकड़ों को लेकर बिहार सरकार को बड़ा निर्देश जारी किया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट


नई दिल्ली: बिहार की नीतीश कुमार सरकार द्वारा राज्य में कराये गये जाति आधारित सर्वे पर जारी सियासत के बीच इस मामले पर देश की सर्वोच्च अदालत का बड़ा आदेश सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई के बाद बिहार सरकार से जाति सर्वेक्षण डेटा को सार्वजनिक करने को कहा है। मामले पर अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने अगस्त में बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण की रिपोर्ट पेश की थी। नीतीश कुमार इस मामले पर खुद अपनी सरकार की पीठ थपथपा रहे हैं। बिहार सरकार के जाति आधारित सर्वेक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी। 

यह भी पढ़ें | आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं जी कृष्णैया की पत्नी, बिहार सरकार के फैसले को चुनौती

याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिहार में कराए गए जाति सर्वेक्षण का डेटा जनता को उपलब्ध नहीं कराए जाने को लेकर अदालत चिंतित है। अगर कोई व्यक्ति सर्वेक्षण के किसी विशेष निष्कर्ष को चुनौती देना चाहता है तो उसके पास सर्वेक्षण का डेटा होना चाहिए। 

मामले पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से कहा कि जाति सर्वेक्षण का डेटा ब्रेकअप सार्वजनिक किया जाए। शीर्ष अदालत में इस मामले पर अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी।

यह भी पढ़ें | Manish Sisodia: मनीष सिसोदिया की अंतरिम जमानत याचिकाओं पर फिर टला फैसला, जानिये सुप्रीम कोर्ट कब करेगा सुनवाई










संबंधित समाचार