सावन स्पेशल: महादेव को प्रसन्न करने के लिए रुद्राभिषेक का विशेष महत्व

डाइनामाइट न्यूज़ से खास बातचीत में फतेहपुर के पं0 विजय शंकर द्विवेदी ने बताया कि भगवान शिव का दूसरा रूप रुद्र है, उन्हें प्रसन्न करने के लिए रुद्राभिषेक अत्यन्त महत्वपूर्ण है।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 20 July 2017, 12:18 PM IST
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फतेहपुर: सावन महीने को शिव का महीना कहा जाता है। इसलिए इस महीने शिव की पूजा-उपासना, जप-तप और अभिषेक करने से शिव आसानी से प्रसन्न होते है।

डाइनामाइट न्यूज़ से खास बातचीत में पं0 विजय शंकर द्विवेदी ने बताया कि भगवान शिव का दूसरा रूप रुद्र है उन्हें प्रसन्न करने के लिए रुद्राभिषेक अत्यन्त महत्वपूर्ण है। रुद्राभिषेक में रुद्राष्टाध्यायी के मंत्रों का जप करते हुए शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है।

अलग-अलग शिवलिंग में रुद्राभिषेक का महत्व

अलग-अलग शिवलिंग में रुद्राभिषेक करने का अलग-अलग महत्व होता है। आपको बता दें कि कौन से शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करना ज्यादा फलदायी होता है। रुद्राभिषेक घर से ज्यादा मंदिर में, उससे उत्तम नदी तट पर और सबसे ज्यादा पर्वतों पर फलदायी होता है। शिवलिंग न होने कि दशा में हांथ के अंगूठे को शिवलिंग मानकर उसका अभिषेक कर सकते हैं। घरों में रुद्राभिषेक करने के लिए शिवलिंग बनाकर अभिषेक का विधान वेदों में है।

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रुद्राभिषेक में मनोकामना के अनुसार अलग-अलग वस्तुओं से अभिषेक किया जाता है

1- घी की धारा से अभिषेक करने से वंश बढ़ता है।

2- गन्ने के रश से पूजन करने से लक्ष्मी का घर मे वाश होता है।

3- शक्कर मिले दूध से अभिषेक करने से इंसान विद्वान हो जाता है।

4- शहद से अभिषेक करने से पुरानी बीमारियां नष्ट हो जाती हैं।

5- गाय के दूध से अभिषेक करने से आरोग्य मिलता है।

6- शक्कर मिले जल से अभिषेक करने से संतान प्राप्ति होती है।

रुद्राभिषेक में शिव वास का है विशेष

शिव वास अर्थात शिव का निवास स्थान देखे बिना रुद्राभिषेक नहीं करना चाहिए ये अत्यंत अनिष्ट करी होता है। किसी विद्वान पंडित से शिव वास की जानकारी लेकर ही रुद्राभिषेक करना चाहिए।

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किन परिस्थितियों में शिव वास नहीं देखा जाता है

1-शिवरात्री, प्रदोष और सावन के सोमवार को शिव के निवास पर विचार नहीं करते।

2- सिद्ध पीठ या ज्योतिर्लिंग के क्षेत्र में भी शिव के निवास पर विचार नहीं करते।

रुद्राभिषेक के लिए ये स्थान और समय दोनों हमेशा मंगलकारी होते हैं।      

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