वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के दौर मे कैसे आगे निकला भारत , पढ़िये विश्व बैंक अध्यक्ष का ये बयान

डीएन ब्यूरो

विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने बुधवार को कहा कि भारत वैश्विक सुस्ती के दौर में कई ऐसे कदम उठा रहा है जो उसे आगे रखने में मदद कर रहे हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा
विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा


नयी दिल्ली: विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने बुधवार को कहा कि भारत वैश्विक सुस्ती के दौर में कई ऐसे कदम उठा रहा है जो उसे आगे रखने में मदद कर रहे हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार विश्व बैंक के शीर्ष पद पर पहुंचने वाले भारतीय मूल के पहले व्यक्ति बंगा ने यहां संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि भारत कोविड महामारी के समय पैदा हुई चुनौतियों से मजबूत बनकर उभरा है, लेकिन उसे यह रफ्तार आगे भी कायम रखने की जरूरत है।

बंगा ने कहा, ‘‘भारत वैश्विक स्तर पर कायम सुस्ती के बीच काफी कुछ ऐसा कर रहा है जो उसे आगे रखने में मदद कर रहे हैं। भारत के पक्ष में एक खास बात यह है कि इसके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में बड़ा हिस्सा घरेलू स्तर का है। भारत महामारी के दौर की चुनौतियों से मजबूत बनकर उभरा है लेकिन उसे यह रफ्तार बनाए रखने की जरूरत है।’’

बंगा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक स्तर पर सुस्ती होने के बावजूद अपने घरेलू खपत की वजह से सुरक्षित है।

यह भी पढ़ें | Supreme Court: युवा कांग्रेस अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास के लिए राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी अग्रिम जमानत

उच्च आय वाली नौकरियों में संभावित वृद्धि के बारे में पूछे जाने पर बंगा ने कहा, ‘‘हमें यह समझना होगा कि ये नौकरियां कहां पर हैं। ये नौकरियां प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हैं और बहुत कम संख्या में हैं। फिर विनिर्माण क्षेत्र में ऐसी नौकरियां हैं। भारत के सामने फिलहाल यह मौका है कि वह ‘चीन प्लस वन’ रणनीति का फायदा उठाए।’’

चीन प्लस वन रणनीति का मतलब है कि दुनिया के विकसित देशों की कंपनियां अब अपने विनिर्माण केंद्र के तौर पर चीन के साथ किसी अन्य देश को भी जोड़ना चाहती हैं। इसके लिए भारत भी एक संभावित दावेदार के तौर पर उभरकर सामने आया है।

बंगा ने कहा, ‘‘भारत को यह भी ध्यान रखना होगा कि चीन प्लस वन रणनीति से मिलने वाला अवसर उसके लिए 10 वर्षों तक नहीं खुला रहेगा। यह तीन से लेकर पांच साल तक उपलब्ध रहने वाला अवसर है जिसमें आपूर्ति शृंखला को अन्य देश में ले जाने या चीन के साथ अन्य देश को जोड़ने की जरूरत है।’’

कोविड-19 महामारी के दौरान चीन में विनिर्माण गतिविधियां पूरी तरह ठप होने से आपूर्ति शृंखला पर बहुत बुरा असर पड़ा था। उसी समय से बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने विनिर्माण गतिविधियों के लिए चीन के विकल्प की तलाश शुरू कर दी थी।

यह भी पढ़ें | जानिये भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर क्या सोचता है विश्व बैंक, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ जी20 सम्मेलन और विश्व बैंक एवं भारत के बीच सहयोग जैसे कई मुद्दों पर भी उनकी चर्चा हुई है।

पिछले महीने की शुरुआत में विश्व बैंक की कमान संभालने वाले 63 वर्षीय बंगा इस समय भारत के दौरे पर आए हैं। यह विश्व बैंक अध्यक्ष के तौर पर उनकी पहली भारत यात्रा है।










संबंधित समाचार