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महराजगंज: 44 लाख का भ्रष्टाचारी जेई पहुंचा जेल, सदर एसडीएम पर कार्यवाही कब?

महराजगंज जिला भ्रष्टाचार सारे रिकार्ड तोड़ चुका है। बरगदवां एसओ, प्रभारी डीपीआरओ पर गाज गिरने के बाद जिला न्यायाधीश ने पीडब्ल्यूडी के भ्रष्टाचारी जेई बीपी सिंह को 44 लाख की धोखाधड़ी के मामले में जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया है। एक के बाद एक ताबड़तोड़ कार्यवाही के बाद अब जनता इस बाद के इंंतजार में है कि जनहित के कामों पर डाका डालने वाले कुख्यात सदर एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद पर सूबे के ईमानदार सीएम कब अपनी गाज गिरायेंगे?
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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महराजगंज: 44 लाख का भ्रष्टाचारी जेई पहुंचा जेल, सदर एसडीएम पर कार्यवाही कब?

महराजगंज: जिले में भष्टाचार का एक और बड़ा मामला सामने आया है। जिला न्यायाधीश ने पीडब्ल्यूडी के अवर अभियंता बीपी सिह को ठेका दिलाने के नाम पर 44 लाख रूपयों की धोखाधड़ी करने के आरोप में जेल भेज दिया गया है। इस मामले में तीन अन्य अभियंताओं पर भी तलवार लटक रही है।

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डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक ठेकेदार सदानंद यादव की तहरीर पर इन अभियंताओं के खिलाफ़ सदर कोतवाली थाने में धारा 419, 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। 

एक अन्य आरोपी मदन कुमार

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घुघली थाना क्षेत्र के ग्राम अहिरौली के रहने वाले सदानंद यादव से ठेका देने के नाम पर बीपी सिह, पीके राय, मदन कुमार और सुधीर कुमार ने 44 लाख रूपये लिये लेकिन सदानंद यादव को ठेका नहीं दिये। इसके बाद पीड़ित सदानंद यादव ने कोर्ट में परिवाद दाखिल किया। कोर्ट के आदेश पर सदर कोतवाली थाने में इन चारों अभियंताओं के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ। मामले में आरोपी जेई बीपी सिंह को जिला न्यायाधीश ने जेल भेज दिया गया है। अन्य तीन आरोपियों पर अब कारय्वाही की तलवार लटक रही है।

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प्रदेश भर में भ्रष्टाचार के मामले में चर्चित हुआ महराजगंज

लखनऊ में सत्ता के गलियारों में इन दिनों महराजगंज जिले के भ्रष्टाचार की चर्चा चरम पर है। शांत सा दिखने वाला यह जिला भ्रष्टाचार के मामले में सारे रिकार्ड तोड़ चुका है। बरगदवां एसओ अनिल कुमार, प्रभारी डीपीआरओ मनोज त्यागी पर गाज गिरने के बाद जिला न्यायाधीश ने पीडब्ल्यूडी के भ्रष्टाचारी जेई बीपी सिंह को 44 लाख की धोखाधड़ी के मामले में जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया है।

सदर एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद पर कसेगा शिकंजा

एक के बाद एक ताबड़तोड़ कार्यवाही के बाद अब जनता इस बाद के इंंतजार में है कि जनहित के कामों पर डाका डालने वाले कुख्यात सदर एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद पर सूबे के ईमानदार सीएम कब अपनी गाज गिरायेंगे? अपने आप को सिस्टम से ऊपर समझने वाले ज्ञानेश्वर प्रसाद का आतंक जनता के सिर चढ़कर बोल रहा है। जिले के जिम्मेदार अफसर सब कुछ जानने के बाद इसे अपना मौन समर्थन दिये हुए हैं। जो भ्रष्टाचार के एक बड़े गठजोड़ की ओर खतरनाक इशारा कर रहा है। पट्टे, खनन, वादकारियों के मुकदमों, फाइलों, तारीखों, तेल के खेल की जांच फिर वसूली के काले खेल में आम जनता पिस कर रह गयी है। अब सब टकटकी लगाये राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ देख रहे हैं..

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