फतेहपुर: जनपद में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर बिजली के निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन लगातार 110वें दिन भी जारी रहा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार समिति ने निजीकरण में बड़े भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सरकार पर ट्रांजैक्शन कंसलटेंट की बिडिंग में अनियमितताओं का दावा किया है।
प्रावधान हटाना भ्रष्टाचार का संकेत
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि पहले ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की नियुक्ति के लिए जारी आरएफपी डॉक्यूमेंट में हितों के टकराव (Conflict of Interest) का प्रावधान था, लेकिन अब इसे हटा दिया गया है। समिति ने सवाल उठाया कि अगर यह पहले शामिल था, तो इसे हटाने की जरूरत क्यों पड़ी? उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट रूप से बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।
आंदोलन जारी रहेगा
संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि अगर बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया वापस नहीं ली गई, तो प्रदेशभर में आंदोलन और तेज किया जाएगा। प्रदर्शन में सुरेश मौर्य, लक्ष्मी नारायण साहू, सुदर्शन, गुलशन कुशवाहा, अतुल सिंह, लवकुश कुमार, अजय शुक्ला, विकास प्रजापति, जयप्रकाश और दीपक सिंह सहित कई कर्मचारी शामिल रहे।
सरकार से पारदर्शिता की मांग
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने सरकार से ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की बिडिंग प्रक्रिया की जांच कराने और निजीकरण की नीति पर पुनर्विचार करने की मांग की। साथ ही, उन्होंने आम जनता से भी इस आंदोलन में समर्थन देने की अपील की।

