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Guru Gobind Singh Jayanti: प्रकाश पर्व पर सिंघु बॉर्डर में आंदोलनकारी किसान कर रहे हैं अरदास, भजन, कीर्तन

सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह का 354वां प्रकाश पर्व आज देश और दुनिया में धूमधाम से मनाया जा रहा है। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनकारी किसानों द्वारा भी इस खास मौके पर सिंघु बर्डर पर अरदास, भजन, कीर्तन का आयोजन किया जा रहा है।
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Guru Gobind Singh Jayanti: प्रकाश पर्व पर सिंघु बॉर्डर में आंदोलनकारी किसान कर रहे हैं अरदास, भजन, कीर्तन

नई दिल्ली: आज देश और दुनिया भर में सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह का 354वां प्रकाश पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस मौके पर विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये गुरु गोविंद को याद करते हुए उनके साहस और बलिदान को नमन किया जा रहा है। कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे समये से आंदोलन कर रहे किसानों द्वारा भी इस खास मौके पर सिंघु बॉर्डर पर अरदास, भजन, कीर्तन का शानदार आयोजन किया जा रहा है। 

दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर स्थित सिंघु बॉर्डर पर एक अस्थाई गुरूद्वारा बनाया गया है, जहां आज सुबह से ही किसानों द्वारा गोविंद सिंह का 354वां प्रकाश पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। किसानों द्वारा अरदास, भजन, कीर्तन का शानदार आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कई स्थानीय लोग भी शिरकत कर रहे हैं।

बता दें कि केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों और सरकार के बीच आज ही आंदोलन के समाधान के लिये 10वें दौर की बीतचीत होनी है। अब तक 9 दौर की वार्ता में कोई हल नहीं निकल सका। सुप्रीम कोर्ट के फैसले और कमेटी के गठन के बाद भी किसानों का आंदोलन जारी है। किसानों की मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द किया जाए।

गुरु गोविंद सिंह ने हमेशा अन्याय, अधर्म, अत्याचार और दमन के खिलाफ लड़ाई लड़ी। गुरु गोविंद सिंह ने ही खालसा पंथ की स्थापना की थी। गुरु गोबिंद सिंह की जयंती को सिख धर्म के लोग प्रकाश पर्व के तौर पर मनाते हैं। गुरु गोबिंद सिंह का जन्म बिहार राज्य की राजधानी पटना में हुआ था। सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह का जीवन परोपकार और त्याग का जीता जागता उदाहरण है।

 

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