UP: प्रयागराज मेडिकल कॉलेज में गैंगरेप पीड़िता युवती की मौत, अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर में हुई थी दरिंदगी

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज मेडिकल कॉलेज के स्वरूप रानी चिकित्सालय में कथित तौर पर गैंगरेप की शिकार युवती ने आज दम तो़ दिय है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी, SSP, प्रयागराज
सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी, SSP, प्रयागराज


प्रयागराज: गत दिनों प्रयागराज मेडिकल कॉलेज के स्वरूप रानी चिकित्सालय में युवती के साथ कथित रूप से हुए गैंगरेप के मामले में आज एक गंभीर मोड़ आ गया है। पीड़ित युवती की इलाज के दौरान आज मृत्यु हो गई। इलाज के दौरान युवती से कथित रेप की यह घटना सोशल मीडिया पर जबरदस्त तरीके से वायरल हुई थी और पुलिस-प्रशासन पर भी कई तरह के आरोप लगाये जा रहे थे। पुलिस द्वारा अज्ञात लोगों के खिलाफ एफ़आइआर दर्ज कर ली गई है।

बता दें कि स्वरूपरानी नेहरू हॉस्पिटल में ऑपरेशन थिएटर के अन्दर पिछले महीने एक युवती के साथ कथित तौर गैंगरेप हुआ। यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, जिसके बाद हड़कंप मच गया था।

पीड़ित युवती मिर्जापुर से प्रयागराज के स्वरुपरानी नेहरू अस्पताल में इलाज कराने आई थी। उसका एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें आंत के ऑपरेशन के बाद लौटी युवती अचेत लग रही थी और कुछ कहना भी चाह रही थी। युवती को जब उसके भाई ने पैन और कागज दिया तो उसने कंपकंपाते हाथों से लिखा कि डॉक्टर अच्छे नहीं हैं। सब मिले हैं। कोई इलाज नहीं किया और उसके साथ गंदा काम किया। युवती के लिखते हुए भी उसके चचेरे भाई ने वीडियो बनाया है और उसको भी वायरल कर दिया है। वीडियो में उसका सगा भाई भी बैठा हुआ है। 

भाई ने बताया कि पीड़ित मिर्जापुर की रहने वाली है। उसे 31 मई की रात गंभीर हालत में स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में भर्ती किया गया था। उसकी आंत का ऑपरेशन किया गया था। देर रात जब उसको वार्ड में छोड़ा गया तो वह कुछ कहना चाह रही थी, लेकिन बोल नहीं सकी। जब उसे कागज दिया गया तो उसने लिखकर बताया कि चार लोगों ने उसके साथ रेप किया है। डॉक्टर्स की एक कमेटी ने जांच के बाद रेप के आरोपों को खारिज कर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गलतफहमी के चलते ये आरोप लगाया गया है। ये मेडिकल रिपोर्ट पुलिस को भी जांच टीम ने सौंप दी है।

हॉस्पिटल प्रशासन पहले ही आरोपों को सिरे से खारिज कर चुका है। प्रिंसिपल डॉ. एसपी सिंह का कहना है कि युवती के ऑपरेशन में 8 लोगों की ड्यूटी लगी थी। इसमें 5 लेडी स्टाफ शामिल थीं।

घटना के बाद तमाम राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने इस मामले को लेकर धरना-प्रदर्शन किया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर आरोप लगाये कि वह युवती के साथ गैंगरेप के दोषियों को बचाने में जुटी हुई है। 

मंगलवार को युवती कि मौत की खबर आने के बाद राजनीतिक दलों के लोगों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया। समाजवादी पार्टी की महिला नेताऋचा सिंह आरोप लगाया है कि पुलिस ने एक हफ्ते के बाद भी इस मामले में एफआईआर नही दर्ज की। और इंसाफ की आस लगाए एक बेटी के साथ अन्याय हो गया। और उसने अपना दम तोड़ दिया। 










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